Myths About Fitness: एक्सरसाइज करना एक बहुत अच्छी आदत है। यह हमें डेली रूटीन में अपनानी चाहिए लेकिन हमारे जीवन में जितनी भी बातें होती हैं, उन बातों के साथ उनसे जुड़े मिथ सामने आते हैं। उसी तरह जब हम फिटनेस की बात करते हैं तब कई प्रकार के मिथ सामने आते हैं। ऐसे में उन मिथों पर विश्वास करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आप भी जिम जाने वाले हैं या खुद से एक्सरसाइज शुरू करने वाले हैं तो एक बार इन मिथों के बारे में सोचें और इनके पीछे की सच्चाई जाने। आज हम आपको बताएंगे एक्सरसाइज (exercise) से जुड़े कुछ ऐसे मिथों के बारे में जो आमतौर पर गलत हैं।
Common Myths About Fitness
1. डेली वर्कआउट करना
कुछ लोग सोचते हैं कि डेली वर्कआउट (workout) करने से ही उनकी बॉडी फिट रहेगी। असल में हमें केवल हफ्ते में 3 से 4 दिन ही वर्कआउट करने की जरूरत होती है। आप खुद को यदि अच्छे से फिट रखना चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट को भी ध्यान में रखने की जरूरत है। शोधों के अनुसार एक व्यक्ति की फिटनेस में 20% वर्कआउट और 80% डाइट की आवश्यकता होती है।
2. पसीना आने पर वजन कम होगा
पसीना हमारे बॉडी टेंपरेचर को नियंत्रित रखने में मदद करता है यह हमारी बॉडी को ओवरहीट होने से बचाता है। यह मानना गलत है कि पसीना आने से हमारा वजन कम होता है।
3. फास्ट वर्कआउट
ऐसा माना जाता हैं फास्ट वर्कआउट करने से वेट जल्दी लौस होगा। लेकिन यह एक मिथ है। फास्ट वर्कआउट करने से हमारी बॉडी जल्दी थक जाती है जिस वजह से कई बार हमें चोट भी लग जाती है।
4. ट्रेडमिल पर दौड़ना और वॉक करना एक जैसा
ट्रेडमिल पर दौड़ना और वॉक करना एक जैसा होता है ऐसा बिल्कुल नहीं है। ट्रेडमिल (treadmill) पर दौड़ना और वॉक करना दोनों अलग-अलग एक्सरसाइज के भाग हैं। ट्रेडमिल पर दौड़ने के और वॉक करने से अलग-अलग फायदे होते हैं।
5. केवल प्रोटीन युक्त खाना
यह एक मिथ है। वर्कआउट के समय हमें बैलेंस डाइट (balanced diet) फॉलो करनी चाहिए। केवल एक तरह का प्रोटीन (protein) युक्त आहार लेने से हमारे शरीर को हानि पहुंच सकती है। आपको डाइटिंग का उपयोग करते समय यह ध्यान में जरूर रखना चाहिए कि एक बैलेंस डाइट में फाइबर, फेट, कार्ब्स और प्रोटीन के साथ साथ विटामिंस भी हों।