Addiction Issue: आजकल व्यस्त दिनचर्या के चलते माता-पिता अपने बच्चों पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। इसका जो सबसे बड़ा असर बच्चों पर सामने आ रहा है वो है बच्चों का नशे के प्रति झुकाव या आकर्षण। बच्चे हर वो चीज़ ट्राई करना चाहते हैं जो उन्हें आकर्षित लगती है या जिसके प्रति उनको रोका जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो बच्चे धूम्रपान से उठते हुए धुएं, शराब के ग्लासिस और अन्य चीज़ों के प्रति ज़्यादा और जल्दी आकर्षित होते हैं।
किस तरह करें नशे के प्रति बच्चों को जागरूक
उम्र के साथ बच्चों को जागरूक करने का तरीक़ा भी बदलता है। ज़रूरी है आप उम्र देखकर बच्चों से उस ही तरह बात करें जो उनके लिए सही हो। ऐसा न हो आपकी एडवाइस बच्चे टोकने के समान समझें। इसलिए बच्चों को नशा न करने के प्रति जागरूक करने से पूर्व उनकी उम्र पर ग़ौर कर लें। आइए जानें किस तरह नशे के प्रति बच्चों को करें जागरूक :-
- बच्चों से करें बात : किसी भी तरह की उठ रही समस्याओं के प्रति बच्चों को सचेत करें, उनसे बात करें। बच्चों की नशीले पदार्थों से जुड़ी जिज्ञासा को शांत करें और उन्हें बताएं किस तरह ये हानिकारक हैं।
- सामने न करें सेवन : किसी भी नशीले पदार्थ का बच्चों के सामने सेवन न करें। बच्चे बहुत जल्दी चीज़ों के प्रति आकर्षित होते हैं। जब वो किसी को ऐसा करते हुए देखते हैं तो उसे कॉपी करने की कोशिश करते हैं।
- समय पर करें जागरूक : बच्चों को समय-समय पर समय दें। उन्हें नशीले पदार्थों के प्रति जागरूक करें कि किस तरह नशीले पदार्थ हमारी सेहत पर असर डालते हैं।
- दोस्तों से मिलने दें : बहुत बार अभिवावक अपने बच्चों को दोस्तों से दूर रखते हैं, इससे बच्चों में अकेलेपन और अन्य मानसिक परेशानियां पैदा हो जाती हैं। आगे चलकर यही बच्चे तनाव की स्थिति में नशीले पदार्थ का सेवन शुरू कर देते हैं। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों को बचपन से ही दोस्तों के प्रति मिलने देना है।
- उनके दोस्त बनें : जितना ज्यादा अभिभावक बच्चों को समय देंगे उतना ज़्यादा बच्चे अपनी परेशानी माता-पिता के सामने रख सकेंगे। इसके साथ ही माता-पिता अपने बच्चे को समझ पाएंगे। ऐसे में ज़रूरी है बच्चों को समय देना जिससे वो ग़लत मार्ग पर न जाएं।
- हेल्दी डाइट : बच्चों को हमेशा हेल्दी डाइट के प्रति अवेयर करें और उन्हें हेल्दी डाइट दें। हेल्दी डाइट लेने से मन स्वस्थ रहता है, किसी तरह की समस्या नहीं होती। इससे बच्चे नशे के प्रति भी आकर्षित नहीं होते।
इस तरह आप देखेंगे कि बच्चों में नशे के प्रति जागरूक करने, उन्हें समय देने से स्थितियां काफ़ी सुधर रही हैं। बच्चे भी आपको अपने क़रीब पा रहे हैं। याद रखें, माता-पिता बच्चों के पहले दोस्त होने चाहिएं। इससे स्थितियां बिगड़ने के प्रति संभलने लगती हैं।