5 Myths About Jaggery: भारतीय घरों में गुड़ की असीम फायदों के बारे में हमेशा से सिखाया गया है लेकिन सवाल है की क्या यह साड़ी सिखाएं हुई बातें सच हैं? या फिर इसके पीछे भी कोई लॉजिकल रीज़न नहीं है। गुड़ और चीनी को भी बहुत नापा टोला जाता है एक साथ। उनका एक जैसा होने का दावा किया जाता है लेकिन उसका शरीर जितना शरीर पर होता है, क्या वो भी सही इनफार्मेशन है? आइये पढ़ें इस ब्लॉग में गुड़ से जुड़ें कुछ ऐसे मिथ्स के बारे और पता लगाएं की उनका असली सच क्या है और उसका कैसा असर हमारे शरीर पर पड़ता है?
गुड़ के बारे में 5 मिथ जिसका सच शायद आप नहीं जानते
1. गुड़, सिर्फ चीनी की तरह स्वीटनर होता है
हालांकि चीनी की तरह, गुड़ भी मीठा होता है लेकिन दोनों में फिर भी फ़र्क़ होता है। उनमें उनके कंटेंट का फ़र्क़ होता है, जिसका मतलब किस में क्या मौजूद है। गुड़ में चीनी से ज़्यादा आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम है।
2. गुड़ सिर्फ स्वीट डिशेस में पड़ता है
गुड़ भले ही डेसर्ट में बहुत इस्तेमाल किया जाता है मिठास के लिए, लेकिन इसको कईं जगहों पर सेवरी डिशेस की तरह भी यूज़ किया जाता है जैसे की करी और चटनियों में। इससे उसमे एक अलग सा स्वाद आता है।
3. गुड़ एक स्वस्थ सब्स्टीट्यूट है चीनी का
गुड़ भले ही मीठा हो और उसमे ज़्यादा मिनरल्स होते हैं लेकिन उसका सेवन भी लिमिट में ही करना चाहिए क्यूंकि उससे भी हमारे सेहत पर असर परता है। ज़यादा खाने से मोटापा और डायबिटीज हो सकती है।
4. सारे गुड़ एक जैसे ही होते हैं
सारे गुड़ एक जैसे नहीं होते हैं। गुड़ अलग अलग किस्म के होते हैं जैसे की गन्ने का, खजूर का, कोकोनट सैप का, इत्यादि। इनसब में अलग अलग मात्रा में नुट्रिएंट्स हो सकते हैं।
5. गुर से शुगर लेवल स्पाईक नहीं होता
ज़्यादातर भर्तियां अपने चाय में या खाने में चीनी के जगह गुड़ को डालकर उसका सेवन करते हैं लेकिन वो गलत है। भले ही गुड़ में कम ग्लिसेमिक इंडेक्स होती है नार्मल चीनी के हिसाब से, लेकिन ज़्यादा खाने से शरीर में ब्लड शुगर भी बढ़ सकता है और साथ ही साथ वज़न भी।