Fasting In Navaratra: अब नवरात्रि के लिए ज्यादा दिन दूर नहीं। नवरात्रि को नवरात्र या नौ दुर्गा त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है। हिंदुओं में ये त्यौहार खासतौर से बहुत मायने रखता है। ऐसा इसलिए कि इसमें देवी पूजन रहता है। काफी समय से ही नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। चैत्र नवरात्र खासतौर से अपना अलग महत्व रखते हैं। वजह इस दिन से हिंदुओं का नव वर्ष भी शुरू हो रहा होता है।
नवरात्रि में व्रत का अपना एक अलग महत्व है। व्रत को रखने के बहुत से स्वास्थ्य लाभ हैं। इसके साथ ही व्रत को रखने के लिए जरूरी है शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें। ऐसे में जरूरी है व्रत में भी पौष्टिक आहार खाएं। व्रत के दौरान खासतौर से पौष्टिक आहार का महत्व बढ़ जाता है।
नवरात्रि के दौरान कौन-से पौष्टिक आहार लें
नवरात्रि में व्रत से कमजोरी न हो, इसलिए जरूरी है भोजन में ये आहार शामिल करें :-
दूध की कमी न करें
नवरात्रि के दौरान जरूरी है शरीर में दूध की कमी न हो। इसके लिए नवरात्रि में बहुत से सुलभ भोजन हैं जिनको खाने से व्रत भी पूरा हो जाएगा और शारीरिक कमजोरी भी नहीं रहेगी। दूध को शामिल करने से शरीर में व्रत के दौरान कैल्शियम की खासतौर से कमी नहीं होती। नवरात्रि में जो मुख्य रूप से दूध से जुड़े पकवान है वो हैं ‘साबूदाने की खीर’ या ‘मखाने की खीर’। दोनों ही पकवान फलाहार में आते हैं।
फल और फलों के रस का सेवन करें
नवरात्रि के दौरान फलों को इग्नोर न करें। फलों से न केवल जरूरी विटामिन्स की शरीर में पूर्ति होती है बल्कि फलों को व्रत के दौरान खाने से शरीर में अन्य पोषक तत्व भी मिल जाते हैं। इसके साथ ही नवरात्रि व्रत के दौरान केला, सेब, तरबूज, खरबूज और चीकू आदि फलों को खाने से शरीर में फाइबर की कमी नहीं होती न ही पानी की कमी होती है। ये जल्दी भूख भी पैदा नहीं करता। फलों से व्रत को आराम से तोड़ा जा सकता है।
कुट्टू और आलू के पकवान
नवरात्रि में कुट्टू और आलू के पकवानों का अलग ही महत्व है। सूखे आलू, कुट्टू की पकौड़ियां, कुट्टू की पूरियां और संवत चावल की इडली आदि नवरात्रि के दिनों में बनाकर खाने से शारीरिक कमजोरियां नहीं पैदा होती। इनके पकवान शरीर में जरूरी पोषक तत्व भी पहुंचाते हैं।
इस तरह नवरात्रि में पोषक तत्वों के साथ खान-पान करने से व्रत से जुड़ी कमजोरियां नहीं होतीं। शरीर स्वस्थ रहता है और आसान से त्यौहार का मजा भी पूरा हो जाता है।