Dance Hobby: डीजे हो या कोई गाना, हम लोग डांस शुरू कर देते हैं। डांस करना किसका शौक़ नहीं! डांस हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होता है। डांस का शौक़ न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी। ऐसे में जो लोक डांस नहीं करते उन्हें डांस के प्रति थोड़ा इंटरेस्ट लाना चाहिए।
डांस करने के क्या फ़ायदे हैं
डांस न केवल हमें व्यस्त रखता है बल्कि ये शरीर में कई तरह से फायदा पहुंचाता है। कोई इवेंट हो वहां हम कोई डांस शुरू कर दे तो इवेंट में चार चांद लग जाते हैं। आइए जानें डांस करने के क्या हैं फायदे :-
- स्टेमिना : बैठे-बैठे हमारे शरीर में फैट जमा होने लगता है। ऐसे में हमारा शरीर लगभग निष्क्रिय हो जाता है। ज़रूरी है इस समय हम डांस जैसी एक्टिविटी शुरू कर दें। डांस से हमारे शरीर में स्टेमिना बढ़ता है जिससे हमें छोटी-मोटी शरीर से जुड़ी परेशानियां नहीं होतीं।
- तनाव : डांस करने से तनाव दूर होता है। जब कभी तनाव की स्थिति हो, किसी म्यूज़िक को बजा लें और डांस शुरू कर दें। इससे तनाव में राहत मिलेगी। आप व्यस्त रहेंगे और किसी तरह की अन्य स्थिति पैदा नहीं होगी।
- मोटापा : डांस करने से हमारे शरीर में कैलोरीज़ बर्न होती हैं जिसके कारण शरीर में अनावश्यक वसा नहीं रहता। इससे शरीर में मोटापा संबंधित शिक़ायत दूर होती है।
- बोरियत : डांस बोरियत दूर करता है। इसको एक शौक़ की तरह शामिल करने से रोज़ाना की एक एक्टिविटी बन जाता है। डांस करने से हम अपने वक़्त को काम पर लगाए रहते हैं। जब कभी बोर हों तो डांस शुरू कर सकते हैं।
- शारीरिक : डांस से शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। किसी भी तरह की मांसपेशियों से जुड़ी समस्या में डांस को शुरू कर देने से शारीरिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। डांस को करने से वज़न बढ़ने की समस्या दूर हो जाती है।
- मानसिक : मानसिक स्वास्थ्य के लिए डांस बहुत ज़रूरी है। डांस के दौरान हम स्टेप्स को माइंड में लेकर चलते हैं। इससे हमारी याद रखने की क्षमता बढ़ती है। डांस की स्टेप्स याद कर जब हम डांस करते हैं तो हमारी लॉजिकल और एनॉलिटिकल स्किल्स बढ़ती हैं। ब्रेन को बहुत फायदा पहुंचता है।
- लचीलापन : सबसे बड़ा फ़ायदा जो डांस करने से हमारे शरीर को पहुंचता है वो है इससे शरीर में लचीलापन आना। शरीर में लचीलेपन आने से शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे कंधे, गर्दन और पीठ आदि में तनाव की स्थिति दूर होती है। इस तनाव रहित स्थिति में हम अपने शरीर से आसानी से काम ले लेते हैं।
इस तरह डांस को एक शौक़ की तरह अपनी ज़िंदगी में लाना शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहतर हो जाता है।