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Photograph: (curlytales)
How did Garima Arora become the first Indian woman to win a Michelin Star?: गरिमा अरोड़ा का नाम भारतीय कुकिंग की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज है। उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और रचनात्मकता से मिशेलिन स्टार जीतने वाली पहली भारतीय महिला शेफ बनने का गौरव हासिल किया। एक साधारण परिवार से आने वाली गरिमा ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया। भारतीय खाने की पारंपरिक जड़ों को बनाए रखते हुए, उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई। उनका सफर सिर्फ एक शेफ बनने का नहीं था, बल्कि भारतीय व्यंजनों को विश्व मंच पर सम्मान दिलाने का भी था। यह कहानी सिर्फ एक उपलब्धि की नहीं, बल्कि जुनून, समर्पण और नई ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा भी है।
कैसे बनीं गरिमा अरोड़ा मिशेलिन स्टार जीतने वाली पहली भारतीय महिला शेफ?
हर परिवार में खाना सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं होता, बल्कि यह प्यार और परंपरा का हिस्सा होता है। भारतीय घरों में खाने को लेकर एक अलग ही भावना होती है, जहाँ माँ के हाथ का स्वाद ही सबसे बेहतरीन माना जाता है। लेकिन जब कोई लड़की कहे कि वह शेफ बनना चाहती है, तो अक्सर उसे यह सुनने को मिलता है - खाना तो घर में भी बनाया जा सकता है, इसमें करियर बनाने की क्या जरूरत?
गरिमा अरोड़ा का सफर भी कुछ ऐसा ही था। उनका जन्म एक साधारण पंजाबी परिवार में हुआ, जहाँ खाने का महत्व समझा जाता था, लेकिन शेफ बनना किसी करियर ऑप्शन के रूप में नहीं देखा जाता था। उनके पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर या इंजीनियर बनें, लेकिन गरिमा को खाना बनाने का जुनून था।
शुरुआत और संघर्ष
गरिमा ने अपनी स्कूली पढ़ाई मुंबई में की, लेकिन खाने के प्रति उनका प्यार बचपन से ही था। उन्होंने शुरुआत में पत्रकारिता की पढ़ाई की, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि उनका असली सपना किचन में है, न्यूज़रूम में नहीं। परिवार को समझाना आसान नहीं था, क्योंकि भारत में शेफ को तब भी एक पुरुष-प्रधान पेशा माना जाता था।
लेकिन गरिमा ने हार नहीं मानी और फ्रांस के मशहूर Le Cordon Bleu कुकिंग स्कूल में दाखिला लिया। यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था, क्योंकि उन्हें नए देश में खुद को साबित करना था, जहाँ खाना बनाना एक कला से कम नहीं माना जाता।
दुनिया के बेहतरीन शेफ्स के साथ काम
अपनी पढ़ाई के बाद गरिमा ने दुनिया के कुछ बेहतरीन शेफ्स के साथ काम किया, जिनमें गॉर्डन राम्से और रेने रेडजेपी (रेस्टोरेंट Noma, कोपेनहेगन) जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इन जगहों पर सीखना आसान नहीं था। किचन का माहौल कठिन होता है, लंबी शिफ्ट्स, दबाव और हर डिश को परफेक्ट बनाने की चुनौती। लेकिन गरिमा ने खुद को साबित किया और सीखती गईं।
भारत वापसी और Gaa रेस्टोरेंट की शुरुआत
कई सालों तक विदेश में अनुभव लेने के बाद गरिमा ने फैसला किया कि अब समय आ गया है अपने नाम से कुछ शुरू करने का। उन्होंने 2017 में बैंकॉक में अपना रेस्टोरेंट Gaa खोला, जहाँ उन्होंने भारतीय खाने को मॉडर्न ट्विस्ट के साथ पेश किया। उनका मकसद भारतीय फ्लेवर्स को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर एक नई पहचान देना था।
मिशेलिन स्टार हासिल करने का सफर
सिर्फ एक साल के अंदर, 2018 में, गरिमा अरोड़ा की मेहनत रंग लाई और उन्हें मिशेलिन स्टार मिला। यह उपलब्धि इसलिए खास थी क्योंकि वह मिशेलिन स्टार पाने वाली पहली भारतीय महिला शेफ बनीं। यह सिर्फ उनकी जीत नहीं थी, बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा थी जो किचन में सिर्फ घरेलू काम नहीं, बल्कि एक करियर देखती हैं।
गरिमा अरोड़ा का सफर यह दिखाता है कि सपनों को पूरा करने के लिए जुनून, मेहनत और साहस की जरूरत होती है। उन्होंने अपनी पहचान खुद बनाई और भारतीय कुकिंग को ग्लोबल पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई।