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Photograph: (businesstoday)
How Did Roshni Nadar Malhotra Become India’s Third Richest Woman and HCL Heiress: रोशनी नादर मल्होत्रा एक नाम जो भारतीय कॉर्पोरेट जगत में प्रेरणा और सफलता का प्रतीक बन चुका है। HCL टेक्नोलॉजीज़ की उत्तराधिकारी और चेयरपर्सन के रूप में, उन्होंने अपनी काबिलियत और नेतृत्व क्षमता से भारत की तीसरी सबसे अमीर महिला का दर्जा हासिल किया। लेकिन उनकी यह यात्रा केवल एक व्यवसायिक विरासत का हिस्सा बनने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने अपने दृष्टिकोण, नवाचार और समाजसेवा के प्रति समर्पण से एक अलग पहचान बनाई।
कैसे रोशनी नादर मल्होत्रा बनीं भारत की तीसरी सबसे अमीर महिला और HCL की उत्तराधिकारी?
रोशनी नादर मल्होत्रा का सफर यह साबित करता है कि सफलता सिर्फ विरासत से नहीं मिलती, बल्कि उसके लिए मेहनत, समर्पण और सही निर्णय लेना भी जरूरी होता है। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि अगर किसी व्यक्ति में सीखने की इच्छा और नेतृत्व की क्षमता हो, तो वह किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है।
हर परिवार में एक सपना होता है – बच्चों को अच्छी परवरिश देना, उन्हें सही शिक्षा दिलाना और आगे बढ़ते देखना। लेकिन जब बात एक बिजनेस फैमिली की होती है, तो यह जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है। हर माता-पिता अपने बच्चों को अपनी मेहनत से बनाई गई विरासत सौंपना चाहते हैं, लेकिन सवाल यह होता है कि क्या अगली पीढ़ी उस विरासत को संभालने के लिए तैयार होती है?
रोशनी नादर मल्होत्रा का सफर भी कुछ ऐसा ही रहा। वे मशहूर उद्योगपति और HCL के संस्थापक शिव नादर की इकलौती संतान हैं। जन्म से ही वे एक समृद्ध परिवार में थीं, लेकिन उनका सफर आसान नहीं था। बिजनेस की दुनिया में कदम रखने से पहले उन्होंने खुद को हर स्तर पर तैयार किया।
शिक्षा की शुरुआत
रोशनी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के वसंत वैली स्कूल से की और फिर नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, अमेरिका से कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया। आमतौर पर, जब किसी बड़े बिजनेस घराने का वारिस होता है, तो लोग मान लेते हैं कि उसे सब कुछ आसानी से मिल जाता है। लेकिन रोशनी के लिए यह सफर सिर्फ नाम का नहीं था, बल्कि उन्हें अपने परिवार की विरासत को समझना और सीखना भी पड़ा।
HCL में भूमिका और सफर
शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने शुरुआत में कुछ समय पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया। लेकिन जल्द ही उन्होंने अपने परिवार के व्यवसाय की ओर रुख किया। जब वे HCL में आईं, तो किसी भी आम बिजनेस उत्तराधिकारी की तरह, उन्हें कंपनी की जटिलताओं को समझना पड़ा। यह केवल एक टेक्नोलॉजी कंपनी चलाने का मामला नहीं था, बल्कि हजारों कर्मचारियों, क्लाइंट्स और नई तकनीकों के साथ तालमेल बिठाने की भी चुनौती थी।
उन्होंने अपने पिता शिव नादर से बिजनेस के गुर सीखे और कंपनी में कई अहम बदलाव लाने में योगदान दिया। 2020 में, जब शिव नादर ने चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दिया, तब रोशनी को HCL का नेतृत्व सौंपा गया। यह बदलाव अचानक नहीं हुआ, बल्कि वर्षों की तैयारी और मेहनत का नतीजा था।
भारत की तीसरी सबसे अमीर महिला
आज रोशनी नादर मल्होत्रा सिर्फ HCL की उत्तराधिकारी नहीं हैं, बल्कि उन्होंने अपने दम पर एक अलग पहचान बनाई है। उनकी कुल संपत्ति 4.9 बिलियन डॉलर से अधिक है, जिससे वे भारत की तीसरी सबसे अमीर महिला बन चुकी हैं। लेकिन उनके लिए केवल धन-संपत्ति ही महत्वपूर्ण नहीं है। वे शिक्षा और समाजसेवा में भी गहरी रुचि रखती हैं।
उन्होंने ‘शिव नादर फाउंडेशन’ के तहत कई सामाजिक पहल की हैं, जिसमें शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उनका मानना है कि सिर्फ बिजनेस को आगे बढ़ाना ही काफी नहीं, बल्कि समाज को भी आगे ले जाना जरूरी है।