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Photograph: (fortuneindia)
How India's Missile Woman Tessy Thomas Created History: भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई प्रतिभाशाली महिलाएं सामने आई हैं, लेकिन तैसी थॉमस का नाम विशेष रूप से जाना जाता है। उन्हें भारत की "मिसाइल वुमन" कहा जाता है क्योंकि उन्होंने देश के रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तैसी थॉमस ने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और असाधारण कौशल के बल पर न केवल खुद को साबित किया, बल्कि भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
एक समय था जब रक्षा और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी नगण्य थी। परिवार और समाज में यह धारणा थी कि विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र केवल पुरुषों के लिए हैं, लेकिन तैसी थॉमस ने इन रूढ़ियों को तोड़ा। एक सामान्य परिवार से आने वाली तैसी को बचपन से ही गणित और विज्ञान में गहरी रुचि थी, और यही रुचि उन्हें भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) तक ले गई। उन्होंने भारत के सबसे महत्वपूर्ण मिसाइल प्रोजेक्ट्स में से एक, अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों पर काम किया और सफलता हासिल की।
आज तैसी थॉमस उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जो विज्ञान, तकनीक और अनुसंधान के क्षेत्र में अपने कदम रखना चाहती हैं। उनका सफर यह दिखाता है कि अगर हौसला मजबूत हो तो कोई भी बाधा सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती।
तैसी थॉमस भारत की मिसाइल वुमन ने कैसे रचा नया इतिहास?
तैसी थॉमस का नाम आज भारत की विज्ञान और तकनीक की दुनिया में गर्व से लिया जाता है। वह पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं जिन्होंने एक मिसाइल प्रोजेक्ट को लीड किया। यह सफर उनके लिए आसान नहीं था, क्योंकि विज्ञान और रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति बहुत कम थी। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, ज्ञान और समर्पण से इस धारणा को तोड़ा और मिसाइल टेक्नोलॉजी में अपनी जगह बनाई। तैसी थॉमस का जन्म केरल के एक साधारण परिवार में हुआ। उनके माता-पिता ने शिक्षा को प्राथमिकता दी, लेकिन वैज्ञानिक क्षेत्र में एक लड़की का करियर बनाना समाज की पारंपरिक सोच के खिलाफ था। बचपन से ही उन्हें गणित और विज्ञान में गहरी रुचि थी। उन्होंने स्कूल और कॉलेज में बेहतरीन प्रदर्शन किया और बाद में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में काम करने का मौका मिला। जब तैसी थॉमस ने इस क्षेत्र में कदम रखा, तब तक यह पूरी तरह पुरुष-प्रधान दुनिया थी। मिसाइल टेक्नोलॉजी में काम करना अत्यधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण था। लंबे घंटों तक रिसर्च, टेस्टिंग और नए प्रयोगों में समय देना एक महिला के लिए समाज की पारंपरिक सोच के खिलाफ जाता था। कई बार लोगों ने सवाल उठाए कि क्या कोई महिला इस क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती है? लेकिन तैसी ने हर चुनौती को स्वीकार किया और अपनी काबिलियत से सभी को गलत साबित कर दिया।
मिसाइल प्रोजेक्ट में योगदान
तैसी थॉमस ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अग्नि-IV और अग्नि-V मिसाइल प्रोजेक्ट में निभाई। उन्होंने अग्नि-V के सफल परीक्षण में नेतृत्व किया, जो भारत की रक्षा प्रणाली के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। इस उपलब्धि के बाद उन्हें "मिसाइल वुमन ऑफ इंडिया" का नाम मिला। यह उपलब्धि केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं थी, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात थी।
मिसाल बनीं तैसी थॉमस
हर महिला जो अपने करियर में ऊँचाइयों तक पहुँचती है, उसे परिवार और समाज की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। तैसी थॉमस की शादी और उनका एक बेटा भी था, लेकिन उन्होंने करियर और परिवार दोनों को संतुलित किया। उनके परिवार ने उन्हें पूरा समर्थन दिया, जिससे वह अपने सपनों को साकार कर सकीं। यह साबित करता है कि अगर परिवार का साथ हो, तो कोई भी महिला किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है। आज तैसी थॉमस न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं। उन्होंने यह साबित किया कि विज्ञान और रक्षा क्षेत्र में महिलाएँ भी नेतृत्व कर सकती हैं। उनका सफर बताता है कि अगर कोई लड़की बड़े सपने देखती है और मेहनत करती है, तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती।