Inspirational Story Of Pawanjot Kaur: बचपन से एक कहावत तो आप सबने जरूर सुनी होगी कि 'आवश्यकता आविष्कार की जननी है'। आज हम ऐसी दो महिला दोस्तों की कहानी आपके लिए लेकर आए हैं जिन्होंने एक साथ एंटरप्रेन्योर का रास्ता चुना और प्राचीन ज्ञान को आज के स्वास्थ्य से मिलाया। SheThePeopleHindi की इंटरव्यू सीरीज में आज हम आपको आस्था जैन और पवनजोत कौर से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने साथ मिलकर "आयुव्या" की शुरुआत की। इसकी शुरुआत पवनजोत कौर से जुड़ी है जो इस ब्रांड की co-founder भी हैं। चलिए बातचीत को आपसे शेयर करते हैं-
मिलिए Pawanjot Kaur से जिन्होंने अपनी Eczema की समस्या से शुरू किया आयुर्वेदिक स्टार्टअप
ब्रांड की शुरुआत के पीछे की कहानी
इस ब्रांड के फाउंडर्स पवनजोत कौर और आस्था की मुलाकात कॉलेज में होती है। इसके साथ ही ये दोनों रूममेट भी थीं। ऐसे ही उनकी जान-पहचान हुई। इन्होंने एक साथ NGO की शुरुआत की और साथ ही NSS के नीचे सोशल वर्क में काफ़ी ऐक्टिव थीं। इन्होंने फैसला लिया कि जिन प्रोजेक्ट्स पर कॉलेज में NSS में काम नहीं होता है, हम उन्हें अपने NGO में करेंगे। इस तरह इन्होंने Slum Areas में काफी काम किया। इन्होंने 11th और 12th के बच्चों को IIT का करिकुलम भी पढ़ाया जिसके कारण कुछ बच्चों के रैंक भी आए। ग्रेजुएशन के बाद इन्होंने अपनी कंपनी खोलने का फैसला लिया। इस तरह इन्होंने एक एजेंसी शुरू की जिसमें यह लोग बहुत सारे स्टार्टअप्स के साथ जुड़े हुए थे। अब इसमें से कुछ कंपनी मीडियम स्केल्स पर अच्छा काम कर रही है।
पवनजोत कौर की स्किन बहुत सेंसिटिव है और उन्हें हमेशा ही स्किन प्रॉब्लम्स रहती थीं। इस दौरान उन्हें एक्जिमा की समस्या हो गई और यह पूरी बॉडी में फैल गई। उन्होंने बहुत सारे ट्रीटमेंट लिए लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई। ऐसे में आस्था ने अन्य विकल्पों की तरफ जाना शुरू किया, जिनमें स्टेरॉयड ना हो। ऐसे में उनका सामना आयुर्वेदिक ब्रांड से हुआ जो उस समय आयुर्वेद में काफी बड़े लेवल पर काम कर रहा था। जब पवनजोत ने आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से इलाज करना शुरू किया तब उन्हें अपनी स्किन प्रॉब्लम्स ठीक होती दिखाई दी। इसके बाद उन्हें कभी भी उन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।
इससे पहले वह जो भी क्रीम्स इस्तेमाल करती थी उनसे प्रॉब्लम फिर से हो जाती थी। इस तरह उन्होंने आयुर्वेदिक ब्रांड खोलने का सोचा। सबसे पहले उन्होंने 5 प्रोडक्ट्स लॉन्च किए।
इस जर्नी को विस्तार से बताते हुए पवनजोत ने कहा कि एक सही दवाई का मिलना स्ट्रगल है। जब वह एक्जिमा से जूझ रही थीं, उनकी पूरी बॉडी पर इसका कहर था। उस समय खुद को देखना भी एक डरावने सपने जैसा था। सही आयुर्वेदिक दवाई तक जाने के लिए आपको शास्त्रों का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसके साथ उन्होंने देखा कि आयुर्वेद को लेकर मार्केट में बहुत ज्यादा गैप है। अगर आप ऑनलाइन भी प्रोडक्ट सर्च करते हैं तो एक सही और ऑथेंटिक प्रोडक्ट्स मिलना मुश्किल काम है। ऐसे में आयुर्वेद में ऐसी कोई भी कंपनी नहीं है जो आपकी सेहत को मुख्य रखते हुए प्रोडक्ट तैयार करे।
ऐसे ही जब उन्होंने देखा कि आयुर्वेद का उनकी एक्जिमा पर इतना अच्छा प्रभाव था तो उन्होंने सोचा कि ऐसे कितने लोग होंगे जो ऐसी समस्याओं का हल ढूंढ रहे होंगे और उन्हें एक सही दवाई नहीं मिल रही होगी। अब इसके साथ ही वह एक लंबे सॉल्यूशन की भी भाल में होंगे और जिससे उनकी बॉडी के ऊपर भी कोई बुरा प्रभाव ना हो। उन्होंने जाना कि यह सॉल्यूशन सिर्फ आयुर्वेद में ही मिल सकता है। एक बात उन्होंने और जानी कि लोग अपनी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ढूंढ रहे हैं लेकिन मार्केट में उन्हें प्रोडक्ट मिल नहीं रहा है। जब उनका प्रोडक्ट मार्केट में गया तो लोगों ने उसे इस्तेमाल करना शुरू किया और उनके पास पहुंचना शुरू किया कि हमारे बच्चे को ADHD था तो हमने आपका यह प्रोडक्ट इस्तेमाल किया और लोगों का साथ मिलना शुरू हुआ फिर इन्हें काफी अच्छे रिव्यूज भी मिले।
फास्ट रिकवरी के समय में आयुर्वेदिक को चुनने की बजाय पक्का इलाज
जब हमने पवनजोत से यह सवाल किया कि आज के समय में लोग फास्ट रिकवरी चाहते हैं। ऐसे में आयुर्वेद का रास्ता चुनना खतरे से खाली नहीं है तो फिर भी आपने इसे क्यों चुना। इसके जवाब में उन्होंने बताया कि लोग फास्ट रिकवरी चाहते हैं लेकिन जब उन्हें परमानेंट सॉल्यूशन नहीं मिलता है और बार-बार उन्हें उन प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है तब लोग समझते हैं कि आयुर्वेद एक बेस्ट सॉल्यूशन है। इसके साथ ही अन्य दवाइयां के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। ऐसे में लोग एलोपैथी सॉल्यूशन को भी रखते हैं लेकिन साथ में अपनी डाइट में आयुर्वेद को एक सप्लीमेंट की तरह शामिल करते हैं। ऐसे जब उन्हें अच्छे रिजल्ट मिलने लग जाते हैं तब वह उस चीज को जारी रखते हैं।
फैमिली का सपोर्ट
पहले फैमिली का रिएक्शन इतना पॉजिटिव नहीं था। पवनजोत ने बताया कि जैसे हमने पंजाब टेक इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। ऐसे में हमारे पास बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट के ऑफर भी थे और उन कंपनियों से जो पैसा हमें मिल रहा था, उतना पैसा शुरुआत में किसी बिजनेस में कमाना पॉसिबल ही नहीं है। फैमिली की यही इच्छा थी कि हम एक सुरक्षित जॉब करें जिसमें हमारा फ्यूचर सेट हो।
वहीं पर स्टार्टअप का कोई आईडिया नहीं होता है। आप नहीं जानते कि आपका स्टार्टअप चलेगा या नहीं। इसके साथ ही स्टार्टअप का सक्सेस रेट भी बहुत कम है तो ऐसे में फैमिली का रिएक्शन सपोर्ट में ज्यादा नहीं था। धीरे-धीरे जब 2-3 साल हुए तब फैमिली का साथ मिलना शुरू हुआ।
आयुर्वेद को आधुनिकता के साथ पहुंचाने की जर्नी
पवनजोत का कहना है कि हमारी यह जर्नी बहुत अच्छी चल रही है और शुरू में जिन प्रोडक्ट्स के साथ हमने लॉन्च किया और कस्टमर्स के साथ बात की तब हमें उनसे इनपुट आया कि उन्हें गेन के लिए भी प्रोडक्ट्स चाहिए। अगर हम ऑनलाइन भी आर्टिकल्स रिसर्च करते हैं कि हम अपना वेट कैसे बढ़ाए तब भी हमें वेट को कम करने के ही ज्यादा रिजल्ट मिलेंगे। अब आयुर्वेद ब्रांड उन प्रोडक्ट्स को मार्केट में ही नहीं ला रहे हैं जिनकी कस्टमर को बहुत ज्यादा जरूरत है।
आगे पवन ने बताया कि कंपनी और कस्टमर के बीच में कम्युनिकेशन गैप भी बहुत ज्यादा था जिसे हमारे ब्रांड ने खत्म किया। हमने कस्टमर की जरूरत के हिसाब से उन्हें प्रोडक्ट्स प्रोवाइड किए हैं। यह सब कुछ कम्युनिकेशन के जरिए हुआ। इस तरह उन्होंने अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स पर काम करना शुरू किया। अगर आप सही आयुर्वेद को लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं तो आपको लोगों के साथ बात करनी होगी। उनकी जरूरत को समझना होगा और फीडबैक के ऊपर काम करना होगा।
उनका कहना है कि हमारा इस बिजनेस में इंवॉल्वमेंट बिल्कुल पर्सनल है। इसके साथ ही हमने पिछले दिनों में सोशल वर्क भी किया है तो हम लोगों से कनेक्ट होना जानते हैं। इसके साथ ही अगर आप अपने पैशन को प्रोफेशनली चुन रहे हैं तो उससे बड़ी कोई चीज नहीं है।
महिलाओं के लेकर अपने प्लान बताएं
पवन ने उदहारण देकर महिलाओं की समस्याओं के बारे में बताया कि जैसे हमने शुरू में बिजनेस स्टार्ट किया उस समय वह सब कुछ अकेले कर रही थी। ऐसे में जब वह दिल्ली के तिलक बजार में अकेले जाती थीं तब उन्हें वहां पर एक भी औरत दिखाई नहीं देती थी।
महिलाओं को लेकर प्रोडक्ट्स की बात की जाए तो उन्होंने ऐसे प्रोडक्ट्स लॉन्च किया जो खास महिलाओं के लिए हैं। इनके बारे में समाज में ज्यादा कोई बात नहीं करता है। उनका कहना है कि जब पुरषों की सेक्सुअल वैलनेस की बात आती है तो मार्केट में बहुत सारे प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। वहीं पर महिलाओं को लेकर कोई बात नहीं होती है। ऐसे में उनका महिलाओं के लिए एक प्रोडक्ट लिबिडो बूस्टर भी है जो बहुत सारी महिलाओं की तरफ से पसंद भी किया गया। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं की ब्रेस्ट केयर के लिए भी काफी प्रोडक्ट लॉन्च किए।
सेक्सुअल हेल्थ जैसे टैबू टॉपिक के ऊपर काम करने के बारे में पवन ने बताया कि यह सच है कि आज भी लोग इस टॉपिक पर बात नहीं करते हैं। इनको लेकर स्टिग्मा है। ऐसे में उन्होंने अपने महिला कस्टमर को डॉक्टर के साथ में मिलवाया और उनकी प्राइवेसी को भी निश्चित किया ताकि वह खुलकर अपनी समस्या को बता सकें क्योंकि छोटे शहरों के लोग आज भी खुलकर इन चीजों के बारे में बात नहीं पाते हैं। ऐसे में उन्होंने टैबू शब्द को सीधे तौर पर इस्तेमाल ना करते हुए उनके लिए अन्य शब्दों का इस्तेमाल किया ताकि कस्टमर कंफर्टेबल फील करें और दूसरे किसी व्यक्ति को पता ना चल पाए।
वर्क लाइफ बैलेंस
वर्क लाइफ फॉक्स पर बात करते हुए पवन ने बताया कि सबसे जरूरी है कि आप अपनी डाइट के ऊपर ध्यान दें और फिटनेस को मेंटेन करें। इसके साथ ही आप अगर दिन में 8 घंटे अपने काम को दे रहे हैं तो सफिशिएंट हैं। अगर आप क्वालिटी के ऊपर फोकस कर रहे हैं तो आपको रिजल्ट अच्छे ही मिलेंगे। इसके साथ ही उनकी प्रेफरेंस हल्का खाना है ताकि उन्हें ज्यादा समय जिम को भी ना देना पड़े और नींद भी लिमिटेड ही रहे।
महिलाओं की बात करते हुए पवन ने कहा कि उनके ऊपर पुरुषों से थोड़ी अधिक जिम्मेदारियां होती हैं क्योंकि उनके ऊपर कुछ कामों का बोझ डाला जाता है। ऐसा नहीं है कि पुरुष काम नहीं कर सकते हैं लेकिन प्रेशर सिर्फ महिलाओं पर आता है। इसके लिए महिलाओं को खुद के लिए स्टैंड लेना होगा और उन्हें बोलना शुरू करना होगा। ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप अकेले जिम्मेदारियां का बोझ मत उठाएं बल्कि उन्हें दूसरों के साथ बांटे तभी आप अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस ला सकते हैं।
महिलाओं का आत्मनिर्भर होना जरूरी
महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से आजादी या फिर जॉब, स्टार्टअप होना बहुत जरूरी है। पवनजोत का कहना है कि यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आज के समय में भी अगर आपको कोई चीज खरीदने के लिए पैसे मांगने पड़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप आत्मनिर्भर नहीं हैं। इससे आप अपने खुद के फैसले तक नहीं ले सकते हैं। वहीं आर्थिक आजादी से महिला अपना लिए स्टैंड ले सकती है, अपनी ख्वाहिशें पूरी कर सकती है और अगर उसे कुछ नहीं भी अच्छा लगता है तो उसे भी मना कर सकती है। इसलिए महिलाओं को आज के समय में आर्थिक रूप से आजाद होना ही चाहिए और अपने खर्चों को खुद उठाना चाहिए।
महिलाओं के लिए सुझाव
सबसे पहले महिलाएं कमाना शुरू करें। इसके बाद से सेव और इन्वेस्ट करना भी शुरू करें। इसके साथ ही उनका कहना है कि महिलाओं को डरना नहीं चाहिए बल्कि रिस्क एनालिसिस करके सही फैसला लेना चाहिए। हमेशा उन चीजों पर फोकस करें जिनसे आपको कुछ मिल सकता है या आपके जीवन में कोई वैल्यू शामिल हो सकती है और कभी भी खुद को कमजोर मत महसूस करें।