Kajal Malik interview: आज भी दुनिया में लैंगिक समानता की बातें होती हैं। लेकिन सच्चाई इसकी उलट है महिलाओं को आज भी बहुत सी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती हैं। काजल मलिक जिन्होंने अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर अपने सपने को चुना। दुनिया में आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि उनका जीवन ऐसा हो जिसमें उन्हें सफलता तो मिले ही साथ ही कम्फर्ट जोन भी बना रहे। कालज मलिक एक गिग प्लेटफोर्म PickMyWork की सह-संथापक हैं। उनकी कम्पनी डिजिटल कंपनियों को बहुत कम सीएसी पर भुगतान-प्रति-कार्य मॉडल के माध्यम से अपने उत्पादों के लिए दुकानों सहित अंतिम ग्राहक प्राप्त करने में मदद करती है। काजल ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कई जगहों पर महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। लेकिन काजल का सपना हमेशा से एक उधमी बनने का था। काजल ने साल 2017 में अपनी सॉफ्टवेर इंजिनियर की जॉब छोड़कर एक उधमी बनना चुना।
Kajal Malik Entrepreneurial Journey
काजल मलिक आज एक सफल एंटरप्रेन्योर हैं। उन्होंने अपने सपने को पूरा किया और साथ ही वो महिलाओं को भी काम करने और एंटरप्रेन्योर बनने के लिए उत्साहित करती हैं। आइये जानते हैं काजल मलिक ने SheThePeople के साथ इंटरव्यू में अपनी एंटरप्रेन्योर जर्नी के बारे में क्या कहा-
क्या आप मुझे बता सकती हैं कि आप सॉफ्टवेर इंजीनियर की जॉब छोड़कर एक एंटरप्रेन्योर कैसे बनीं?
इस सवाल का जवाब देते हुए काजल ने कहा “सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में साल 2013 में मैं सैमसंग के साथ काम कर रही थी। तब मुझे मार्केटिंग का सपोर्ट मिला। तो उस समय मैंने कोशिश किया और मुझे मार्केटिंग काफी इंट्रेस्टिंग लगा। दरअसल 2010 में मैंने एक वेंटिलेटर को बनाया था तब मुझे अवसर मिला था उस वेंटिलेटर को प्रोडक्शन में लाने का। लेकिन तब मैं लगभग 20 साल की थी और मुझे बिजनेस कैसे चलाना है इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी और तब मुझसे वो अवसर खो गया। तो इसलिए मेरे दिमाग में हमेशा से रहता था कि मैं एक दिन फिर से कोशिश करूंगी और जरुर मैं इस बार एक सफल उधमी बनूंगी। लेकिन उसके बाद मुझे एक अच्छी जॉब के रूप में क्लब महिंद्रा में सेल्स और मार्केटिंग करने का मौका मिला। उस समय मैंने बहुत मेहनत की और वो समय बहुत अच्छा जा रहा था। यह मेरे लिए काफी उत्पादक भी रहा। सब खुश थे लेकिन मुझे लग रहा था कि मैं बहुत मेहनत कर रहा थी और मैंने सोचा कि अगर मैं एंटरप्रेन्योरशिप करूं तो मुझे यही सब कोशिशें करनी पड़ेंगी। तो अगर मैं आज नहीं करूंगी तो कब करूंगी। मैंने खुद सोचा कि मुझे अभी एंटरप्रेन्योर बनने की कोशिश करनी चाहिए। मैंने अपना आईडिया अपने बाकी साथियों के साथ शेयर किया। लोग कहते हैं अभी नहीं 3 साल बाद, 2 साल बाद कोशिश करेंगे। मुझे लगा वो 2 साल कभी नहीं आने वाले हैं अगर मैं ऐसे सोचती रहूंगी तो मैंने सोचा मुझे ये अभी करना है तो फिर 2017 में मैंने निर्णय लिया कि मैं अपनी जॉब छोडकर एक एंटरप्रेन्योर बनूंगी और तबसे आज तक मेरी एंटरप्रेन्योरशिप जर्नी करीब 5 से 6 साल की हो चुकी है।
आपने जॉब छोड़कर बिजनेस करना कैसे चुना और ऐसा करने पर आपकी फैमिली का रिएक्शन क्या था?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए काजल कहती हैं “पहले तो बहुत मेहनत लगी मुझे फैमिली को कनवेंस करने में। कुछ लोग तैयार थे और माँ कह रही कि तुम्हारा अच्छा जॉब चल रहा तुम अच्छा कर रही हो तो क्यूँ?”
भाई ने बोला, “तुम कर लोगी छोड़ दो जॉब।” मुझे पता है तुम ऐसा कर पाने के लायक हो।
तो परिवार के बारे में मैं यही कहूंगी कि परिवार में लोगों की अलग-अलग राय होती है। मेरे परिवार के बारे में एक अच्छी बात यह है कि मुझे उनसे कभी पूछना नहीं पड़ा मुझे बस उन्हें बताना पड़ा कि मैं ये करना चाहती हूँ। आप मुझे सपोर्ट करेंगे कि नहीं। तो जब मैंने बताया कि मैं करना चाहती हूँ तो परिवार का सपोर्ट पूरा था लेकिन एडवाइस थी कि अभी न करो बाद में कर लेना। लेकिन सपोर्ट पूरा था और परिवार के सपोर्ट ने मुझे एंटरप्रेन्योर बनने के लिए बहुत आत्मविश्वास दिया।
आपको अपनी एंटरप्रेन्योर जर्नी में क्या समस्याएं आयीं और आपने उन्हें कैसे फेस किया?
इस सवाल का जवाब देते हुए काजल ने कहा “एक महिला के रूम में मैंने अपनी एंटरप्रेन्योर जर्नी में बहुत सारी समस्याएं देखीं हैं। जब मैं फण्ड रेज करती थी तो पहले प्रतिक्रियाएं नहीं आती थीं और जब मेरे को-फाउंडर विद्यार्थी और बाकी लोग फंड रेज करते थे तो उन्हें काफी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली, यह बात 2017 की है। लेकिन अब चीजें पहले से बदल चुकीं हैं। दूसरी बात जैसे ही मैंने ये तय किया कि मैं एंटरप्रेन्योर बनना चाहती हूँ। उस समय एक उपदेशक थे तो उन्होंने बोला कि तुम अपना जॉब कंटिन्यू करो। विद्यार्थी को बनने दो एंटरप्रेन्योर और तुम अपनी जॉब से पहले जो पैसा आ रहा है। वो कम्पनी में लगा दो तुम बाद में कम्पनी में शामिल होना। तो मैं सोच रही थी विद्यार्थी का भी उतना ही आईडिया है जितना मेरा है। तो मुझे क्यूँ बोला जा रहा है जॉब कंटिन्यू रखने के लिए। मैंने ऐसा अनुभव किया कि विधार्थी ज्यादा अच्छे से कम्पनी सम्भाल सकता है मुझसे भी ज्यादा सही से शायद और इस चीज को मैंने तबसे लेकर अब तक कई तरह से फेस किया। अलग-अलग तरीकों से। हाँ लेकिन मैं कहूंगी कि पिछले कुछ समय में चीजें बदली हैं लेकिन कहीं न कहीं वो चीज मुझे आज भी फेस करनी पड़ती है। लेकिन इस चीज को फेस करने और इसमें सपोर्ट करने के लिए मुझे बहुत से संगठनों का साथ मिला और हम कोशिश कर रहे हैं। दुनिया को यह बताने की कि महिलाएं भी उतनी ही काबिल हैं जितना कि पुरुष और कभी-कभी उनसे भी कहीं ज्यादा।
PickMyWork कम्पनी की शरुआत में और आपके पार्टनर्स के साथ काम करते समय आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?
इस प्रश्न के उत्तर पर काजल बताती हैं कि "जब एक महिला कम्पनी के बोर्ड पर होती है तो वहां पर बहुत सी चीजें होती हैं जो आप नहीं सोचते हैं। जैसे सफाई को लेकर, हमारा ऑफिस सबसे क्लीन रहता है। हमारे वाशरूम हमेशा क्लीन रहते थे। चाहे मेल वाशरूम हो या फीमेल वाशरूम हों। आप बुनियादी बातें जानते हैं जिन्हें लोग यूं ही हल्के में नहीं ले लेते, लेकिन एक महिला संस्थापक ऐसा नहीं करती हैं, वह इसे लोगों तक पहुंचाती हैं और जो हर चीज का समाधान करना चाहती है। मेरी पूरी टीम ही फीमेल थी और अब भी है। जो लोग भी मुझे किसी बात के बारे में बताते हैं मैं ठीक कराती हूँ। अच्छा लिंग अनुपात बोलना नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है। इसलिए मै कोशिश करती हूँ कि हमारे संगठन में महिलाओं को नौकरी पर रखा जाए। जबकि जब नौकरी के लिए प्रस्तावना निकाली जाती है तो महिलाएं 10% आवेदन करती हैं और पुरुष 90% तो ढूंढने में समस्या होती है। लेकिन मैं अपनी टीम को और कोशिश करने और महिला को रखने के लिए बोलती हूँ। कोई महिला फाउंडर किसी आर्गेनाइजेशन में काम कर रही होती है तो वो चाहती है कि वो महिलाओं का प्रतिनिधित्व करे हर तरीके से।
आप उन महिलाओं को क्या कहना चाहेंगी जो एंटरप्रेन्योर बनना चाहती हैं?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए काजल कहती हैं कि “यह सवाल मैंने कई बार सुना है और मैंने बहुत अच्छे से इसका जवाब भी दिया है। जब मैंने 2016 में तय किया था कि मुझे क्या करना है और तब मैं सोच रही थी कि क्या करूं आगे जाऊं या न जाऊं। तो मैंने एक उद्धरण सुना था कि “आज नहीं तो कब?” तो वो तब मुझे लगा कि यह सही है कि कब 2 साल बाद, 3 साल बाद या कब? और ये कब कभी आएगा भी कि नहीं? मेरे पास आज है और मुझे आज के लिए तय करना है और मैं यही सन्देश देना चाहूंगी उन महिला संस्थापकों को और उन्हें जो सोच रहे हैं उद्यमी बनने का। जिन्होंने अभी शुरुआत नहीं कि है। जो कह रहे हैं कि 2 साल बाद या 3 साल बाद, वो 2 साल 3 साल बाद कब आयेंगे हमें नहीं पता। लेकिन आज आपके हाथ में है तो अगर आप आज कर सकते हैं तो आज करिये। आपको थोड़े साहस की जरूरत होगी लेकिन आप कर लेंगे।