जानिए कैसे समीहा झा फैशन की दुनिया में आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की नई मिसाल हैं

चलिए आज Sammyukk की फाउंडर और डायरेक्टर समीहा झा की कहानी बताते हैं जिन्होंने मां की प्रेरणा और भाई के साथ मिलकर इस ब्रांड को शुरू किया और फैशन के जरिए रूढ़ियों को तोड़ रही हैं-

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Rajveer Kaur
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Samiha Jha

एक समय था जब कपड़ा सिर्फ एक जरूरत थी। इसे सिर्फ शरीर ढकने के लिए इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन आज के समय में लोग कपड़े को सिर्फ पहनते ही नहीं है बल्कि यह उनका खुद को व्यक्त करने का तरीका है। इसके साथ ही आज के समय में आपकी आउटफिट सिर्फ ट्रेड के साथ ही मेल नहीं खानी चाहिए बल्कि उनके खुद के विजन के साथ भी जुड़ी हुई होनी चाहिए। आज हम ऐसी ही महिला की कहानी आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जिसने फैशन डिजाइनिंग की दुनिया में कदम रखा और एक ऐसा ब्रांड शुरू किया जो सिर्फ आपको ट्रेंड के साथ ही नहीं जोड़े रखता है बल्कि संस्कृति को भी दर्शाता है और खुद को व्यक्त करने के में भी मदद करता है। चलिए आज Sammyukk की फाउंडर और डायरेक्टर समीहा झा की कहानी बताते हैं जिन्होंने मां की प्रेरणा और भाई के साथ मिलकर इस ब्रांड को शुरू किया-

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जानिए कैसे समीहा झा फैशन की दुनिया में आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की नई मिसाल हैं 

10 साल से ज्यादा का अनुभव और माँ से मिली फैशन की प्रेरणा से खोला बिजनेस 

समीहा झा ने अपनी जर्नी शेयर करते हुए बताया कि उन्हें छोटी उम्र में ही अपनी माँ से फैशन की प्रेरणा मिली, जो एक फैशन डिज़ाइनर थीं। उन्होंने अपनी एजुकेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बी.ए. साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन करने के बाद, दिल्ली पर्ल अकादमी से फैशन डिज़ाइन में पोस्ट-ग्रेजुएशन की। इसके साथ ही 10 साल से ज्यादा Eshakti और Fabindia जैसे स्थापित Export Houses और ब्रांडों के साथ काम किया। डिज़ाइनर, फैशन कंटेंट राइटर और सोशल मीडिया मार्केटिंग प्रोफेशनल के रूप में उन्होंने विविध भूमिकाओं को निभाया। अपनी उद्यमशीलता की प्रेरणा के साथ, उन्होंने अपने भाई युकिथ हरनाल के साथ मिलकर सैमयुक का सपना सकार किया ताकि उचित मूल्य पर लक्जरी वेस्टर्न वेयर उपलब्ध कराया जा सके।

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साइकोलॉजी की पढ़ाई ने दिया बिजनेस में साथ 

समीहा झा की बिजनेस जर्नी में साइकोलॉजी की पढ़ाई ने बहुत साथ दिया जैसे फैशन डिज़ाइन में इसने उन्हें एक खास नजरिया प्रदान किया। इससे उन्हें कस्टमर के व्यवहार को समझने में आसानी हुई और वे ऐसी आउटफिट डिज़ाइन कर पाई जो व्यक्तित्व और मनोदशा को आकर्षित करती हैं। उन्होंने कहा कि "मैं साइकोलॉजी का इस्तेमाल भावनाओं से जुड़े डिज़ाइन बनाने के लिए करती हूँ, जो आत्मविश्वास और ताकत देते हैं"। उनका यह अनुभव, ब्रांड की कहानियाँ और मार्केटिंग में मदद करता है जिससे कस्टमर से इमोशनल लेवल पर जुड़ने में आसानी मिलती है। इसके साथ ही कम्फर्ट और फिट उनकी प्राथमिकता हैं, ताकि हर कपड़ा पहनने वाले को व्यक्त करने में मदद करे। 

परिवार ने मिलकर दिया साथ, भाई के साथ मिलकर शुरू किया बिजनेस 

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समीहा झा के परिवार ने बिजनेस की शुरुआत से लेकर अब तक बहुत साथ दिया है। उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा पेरेंट्स हैं। उनकी माँ फैशन डिज़ाइनर थीं। इस वजह से बचपन से ही उनकी माँ की कल्पनाशीलता ने उन्हें फैशन में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया। उनके छोटे भाई, युकिथ हरनाल ने भी इस सपने को साकार करने में हाथ बढ़ाया और बिजनेस पार्टनर के रूप में उनका साथ दिया। 

समीहा ने बताया कि "मेरे भाई के पास भी विजन था और उसी आधार पर हम एक ऐसा ब्रांड बना सके जो आत्मविश्वास और सुंदरता को दर्शाता हो"। 

भाई के साथ ने उन्हें बहुत हिम्मत और विश्वास दिया। समीहा ने कहा, "रास्ते में कई मुश्किलें और असफलताएँ आईं, पर उनका भरोसा मुझे आगे बढ़ाता रहा। हर कदम पर उनका साथ सैमयुक को बनाने में अहम रहा। इतना बड़ा सपोर्ट पाकर मुझे बहुत अच्छा लगता है"।

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फैशन ट्रेंड से बढ़कर है: समीहा झा 

समीहा झा अपने फैशन डिजाइनिंग के अनुभव से बताती है कि फैशन खुद को व्यक्त करने का बहुत शक्तिशाली तरीका है, जिससे हमारे मूड और सपनों को दिखाता है।

समीहा ने कहा, "मेरे लिए फैशन सिर्फ़ ट्रेंड से बढ़कर है – यह व्यक्तिगतता को पहनना और अपनी त्वचा में आत्मविश्वास महसूस करना है। सही आउटफिट हज़ार शब्दों को व्यक्त कर सकती है और हर किसी के लिए एक individual ट्रेडमार्क स्टाइल बना सकती है"। 
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उन्होंने बताया कि हम अपने ब्रांड में बोल्ड पीस बनाते हैं जो आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और इंडिविजुअलटी का सम्मान करते हैं। भीड़ से अलग दिखने से लेकर, खुद का बेस्ट वर्जन दिखने तक, फैशन आपको अभिव्यक्त करने की क्षमता देता है।

भारत में अवसर के अनुसार कपड़े पसंद करते हैं लोग: समीहा झा

समीहा झा ने भारत के लोगों की कपड़ों को लेकर साइकोलॉजी के ऊपर बात की। उन्होंने जवाब में बताया कि भारतीय फैशन आधुनिकता, परंपरा और संस्कृति का मिश्रण है। भारत में अवसर के अनुसार लोग पोशाक पसंद करते हैं जैसे ट्रेडिशनल फंक्शंस में शालीनता और सुंदरता की तलाश करते हैं और शहरी परिवेश में ट्रेंडी, बोल्ड फैशन को अपनाते हैं। आजकल के यूथ को कुछ ऐसा चाहिए जो ग्लोबल ट्रेंड्स के साथ भी चले, लेकिन अपनी संस्कृति की झलक भी दिखाए। इसके साथ ही आउटफिट स्टाइलिश हों लेकिन जेब पर भारी न पड़ें, और पहनकर लगे कि ये तो हमारा अंदाज़ है!

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समीहा झा ने कहा, " कपड़े पहनना आत्मविश्वास बढ़ाने वाला भी है, जो लोगों को स्वयं होने में सक्षम बनाता है। ग्लोबल फैशन के बढ़ते संपर्क के साथ, भारतीय विभिन्न शैलियों को आज़मा रहे हैं, साथ ही अपनी विरासत की कारीगरी को भी अपनाए हुए हैं। वह अपने ब्रांड में हम इस बदलते दृष्टिकोण को अपनाते हैं और बोल्ड, हाई लेवल फैशन प्रदान करते हैं जो व्यक्तिगतता और आत्म-अभिव्यक्ति के साथ मेल खाता है।

हर चुनौती ने समीहा झा को मजबूत बनाया

समीहा झा से जब पूछा गया कि एक महिला के रूप में, उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तो उन्होंने कहा कि फैशन में एक महिला उद्यमी का सफर सशक्तिकरण और चुनौतियों से भरा होता है। उन्हें पुरुष-प्रधान क्षेत्र में रूढ़ियाँ तोड़नी पड़ीं और डिज़ाइनर होने के साथ-साथ खुद को मजबूत लीडर के तौर पर भी साबित करना पड़ा। मल्टीटास्किंग और प्रतिस्पर्धी बाज़ार ने उनकी सहनशक्ति को परखा लेकिन फिर भी, हर चुनौती ने उन्हें मज़बूत बनाया। वे मानती हैं कि दृढ़ता और जुनून सफलता की चाबी हैं। इसके साथ ही वे दूसरी महिलाओं को सपनों के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।

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ब्रांड को आत्मविश्वास और बोल्डनेस का प्रतीक बनाने का सपना

सैमयुक के लिए उनका दृष्टिकोण इसे एक हाई लेवल फैशन ब्रांड के रूप में विकसित करना है जो कंज्यूमर को लग्जरी और किफायती मूल्य दोनों दे सके। वे कला से प्रेरित डिज़ाइनों को उत्तरी अमेरिका से आगे ले जाना चाहती हैं, ताकि लोग कला को पसंद करें। उनके दो सबसे बड़े गोल Luxe कलेक्शन लॉन्च करना और एक फ्लैगशिप स्टोर हैं। वे सैमयुक को आत्मविश्वास और बोल्डनेस का प्रतीक बनाना चाहती हैं, जो अपने यूनिक अंदाज और क्वालिटी के लिए जाना जाए।

फैशन डिज़ाइन में क्रिएटिविटी को बिजनेस में बदलकर आर्थिक स्वतंत्रता की तरफ बढ़ सकती है महिलाएं

समीहा झा के अनुसार, "फैशन डिज़ाइन महिलाओं को उनकी पहचान, स्वतंत्रता और आज़ादी दिखाने की शक्ति देकर उन्हें मुक्त करता है। बोल्ड डिज़ाइन पहनने और  खुद को व्यक्त करने के माध्यम से, महिलाएँ रूढ़ियों को तोड़ती हैं और सामाजिक मानदंडों को फिर से परिभाषित करती हैं"। 

फैशन करियर आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करते हैं क्योंकि आप अपनी क्रिएटिविटी को बिजनेस या फिर करियर में बदल सकते हैं। महिलाओं के द्वारा चलाई जाने वाले ब्रांड दूसरों को भी ऐसा करने और आर्थिक स्वतंत्रता का अनुभव करने के लिए प्रेरित करते हैं। 

उन्होंने आगे बताया कि फैशन नारीत्व की पुरानी सोच को चुनौती देता है, जिससे समाज महिलाओं को नए विचारों वाली और नेता के रूप में देखता है। आखिर में, फैशन ताकत का प्रतीक है, जो महिलाओं को सुंदरता को नए तरीके से परिभाषित करने और समाज में अपनी जगह बनाने की आजादी देता है।