Advertisment

महिलाएं इन तरीकों से पता करें अपना Fertile या Ovulation Period

author-image
Swati Bundela
New Update
आज भी करोड़ों औरतें हैं, जो प्रेग्नेंट होने के लिए बहुत स्ट्रगल कर रही है। उन्हें इरेगुलर पीरियड, PCOD, हार्मोनल प्रॉब्लम आदि का सामना करना पड़ता है। अगर आपको आपका फर्टाइल पीरियड पता होगा, तो इससे प्रेगनेंसी और एक्युरेटली प्लान करने में मदद मिलेगी।

Advertisment

इन तरीकों से पता करें फर्टाइल या ओव्यूलेशन पीरियड



1) फिजिकल सिंपटम्स फर्टाइल या ओव्यूलेशन पीरियड

Advertisment


फर्टाइल पीरियड का पता फिजिकल सिंपटम्स से लगाया जा सकता है, जैसे लोअर टमी में थोड़ा दर्द होना, कभी-कभी टांगों में भी दर्द होता है। ब्रेस्ट्स फुलर और हेवी होते हैं, थोड़ा पेनफुल भी फील होता है और टच करने पर सॉफ्ट लगते हैं। ओवुलेशन के आस-पास सेक्सुअल ड्राइव भी हाई होती है।

2) BBT मेथड या बेसल बॉडी टेंपरेचर मेथड

Advertisment


इस मेथड में एक महिला के शरीर का टेंपरेचर तब नापा जाता है जब वो सोकर उठती है। यह उसके बेड से उठने या चलने, ब्रश करने या फोन पर बात करने से पहले का टेंपरेचर होता है। इस टेंपरेचर को एक डिजिटल थर्मामीटर के द्वारा मापा जा सकता है। इसके लिए आजकल मार्केट में स्पेशल BBT थर्मामीटर भी आते हैं। ज्यादातर ओव्यूलेशन के टाइम पर BBT 0.5°C - 1°C से बढ़ जाता है।

Advertisment

3) सर्वाइकल म्यूकस मेथड



हमारे वजाइना से जो म्यूकस डिस्चार्ज होता है, वह मेंस्ट्रुअल साइकिल के फेस के हिसाब से बदलता रहता है। मेंस्ट्रुएशन के एकदम बाद ड्राई डेज होते हैं या बिल्कुल म्यूकस नहीं जाता। ऐसे समय पर म्यूकस थोड़ा स्टिकी और क्लंपी हो जाता है। तीसरा फेस ओव्यूलेशन के आस-पास होता है, जब म्यूकस डिस्चार्ज बहुत वॉटरी, क्लियर, स्लिपरी और स्ट्रैची हो जाता है। यह वो टाइम है, जब एक महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है।
Advertisment


4) ओव्यूलेशन किट का इस्तेमाल फर्टाइल या ओव्यूलेशन पीरियड



ओव्यूलेशन टाइम का अनुमान लगाने के लिए ओवुलेशन किट्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। यह मेथड L.H. या ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन टेस्ट पर निर्भर करता है, जो ओवुलेशन के 36 घंटे पहले अपनी पीक पर होती है। यह प्रेगनेंसी कार्ड के फॉर्म में आती है, जिसे यूरिन सैंपल के साथ टेस्ट किया जाता है।
Advertisment


जब सिंगल लाइन दिखे, तब L.H. पीक पर नहीं होता और जब डबल लाइन दिखे तब L.H. पीक पर होता है। कपल्स उसी दिन अपना इंटर कोर्स प्लान कर सकते हैं, जिस दिन 2 लाइन दिखती है। अगर आप ओवुलेशन किट ऐप यूज कर रहे हैं, तो L.H. के स्लोपी ग्राफ पर ज्यादा फोकस करें, एब्सॉल्यूट वैल्यू पर नहीं। कृपया याद रखें कि ओव्यूलेशन प्रिडिक्टर करने की ये सारी मेथड्स सब्जेक्टिव है, बदल सकते है और बहुत सारे फैक्टर्स पर निर्भर करते है जैसे एक्टिविटी, इन्फेक्श,न अलर्ट, पीरियड रेगुलेरिटी आदि।

5) अन्य तरीके फर्टाइल पीरियड जानने के



आप अपनी ओव्यूलेशन को प्रिडिक्ट करने के लिए इंटरनल सोनोग्राफी या ट्रांसवेजाइनल सोनोग्राफी भी करा सकते हैं। यह पीरियड साइकिल के 7वें दिन से शुरु होती है और फिर यह अल्टरनेट दिनों पर होती है। बाद में रोज होती है यह देखने के लिए एग का साइज कैसे बढ़ रहा है। यह ओव्यूलेशन का ज्यादा ऑब्जेक्टिव प्रूफ है। आजकल ऐसे बहुत सारे ऐप्स हैं, जो मेंस्ट्रुअल साइकिल को ट्रैक करते हैं और आप की साइकिल के पैटर्न के हिसाब से ओव्यूलेशन प्रिडिक्टर कर सकते हैं। यह ज्यादातर कपल्स के लिए सही काम करता है।
हेल्थ वीमेन हेल्थ फर्टाइल या ओव्यूलेशन पीरियड
Advertisment