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सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीजेस के क्या कारण होते हैं? ये सही में होता क्या है? इन्हें कैसे रोका जा सकता है? और मुझे ये होने की क्या संभावना है? क्या यह ठीक हो सकती है? और ना जाने क्या-क्या प्रश्न आपके मन में आते होंगे। तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे।
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) कोई भी मामूली इंफेक्शन की तरह होता है जो आपको हो सकता है लेकिन जब आप इस इंफेक्शन को इग्नोर करते हैं, तो यह एक डिजीज का रूप ले लेता है और इसे ही सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) कहते हैं। एसटीआई को ठीक करना मुश्किल नहीं होता। लेकिन एसटीडी को ठीक करना थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है।
एसटीआई ऐसे इंफेक्शन होते हैं जो किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ सेक्शुअली कांटेक्ट में आने से या सेक्सुअल फ्लूइड जैसे वजाइनल फ्लूइड या सीमन और कभी कबार सलाइवा से भी होता है। कभी केवल स्किन के कांटेक्ट में आने से भी इंफेक्शन हो सकता है जैसे हर्पस और वाट्स।
यह इंफेक्शन वायरस, बैक्टीरिया, और पैरासाइट किसी से भी हो सकता है। आम तौर पर लोगों को गोनोरिया, सिफलिस, क्लैमिडिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस, हेपेटाइटिस बी, एचआईवी होते हैं।
इसके सिम्टम्स कई तरह के हो सकते हैं। आपको मामूली सा वजाइनल डिस्चार्ज या फिर बहुत अधिक मात्रा में वजाइनल डिस्चार्ज भी हो सकता है। आपको एक छोटा पिंपल या एक बड़ा अल्सर भी हो सकता है। उस जगह में थोड़ा दर्द या उससे भी अधिक दर्द हो सकता है। अक्सर हमें सिम्टम्स देर से नजर आते हैं, और तब तक तो वे हमारे शरीर में फेल चुका होता है। बेहतर है कि हम जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी इसका ट्रीटमेंट कराएं।
1. मल्टीपल पार्टनर्स के साथ सेक्स ना करें।
2. 20 साल की उम्र से पहले सेक्स करना अवॉइड करें।
3. अपने सेक्सुअल पार्टनर के बारे में अच्छे से जानें।
4. जब भी आप सेक्स करे तब हमेशा लेटेक्स या पॉलीयुरेथेन कॉन्डम का ही इस्तेमाल करें।
5.यह भी जानें कि कुछ सेक्सुअल प्रैक्टिस एसटीआई की रिस्क को बढ़ाते हैं जैसे कि एनल सेक्स।
6. अपने आपको वैक्सीन लगवाएं। कुछ एसटीआई जैसे कि एचपीवी या हेपेटाइटिस बी से अपने आपको वैक्सिनेटेड रखें।
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीस और सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन में क्या अंतर है?
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) कोई भी मामूली इंफेक्शन की तरह होता है जो आपको हो सकता है लेकिन जब आप इस इंफेक्शन को इग्नोर करते हैं, तो यह एक डिजीज का रूप ले लेता है और इसे ही सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) कहते हैं। एसटीआई को ठीक करना मुश्किल नहीं होता। लेकिन एसटीडी को ठीक करना थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है।
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन क्या होता है?
एसटीआई ऐसे इंफेक्शन होते हैं जो किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ सेक्शुअली कांटेक्ट में आने से या सेक्सुअल फ्लूइड जैसे वजाइनल फ्लूइड या सीमन और कभी कबार सलाइवा से भी होता है। कभी केवल स्किन के कांटेक्ट में आने से भी इंफेक्शन हो सकता है जैसे हर्पस और वाट्स।
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के क्या कारण हो सकते हैं?
यह इंफेक्शन वायरस, बैक्टीरिया, और पैरासाइट किसी से भी हो सकता है। आम तौर पर लोगों को गोनोरिया, सिफलिस, क्लैमिडिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस, हेपेटाइटिस बी, एचआईवी होते हैं।
एसटीआई होने के क्या-क्या सिम्टम्स हो सकते हैं?
इसके सिम्टम्स कई तरह के हो सकते हैं। आपको मामूली सा वजाइनल डिस्चार्ज या फिर बहुत अधिक मात्रा में वजाइनल डिस्चार्ज भी हो सकता है। आपको एक छोटा पिंपल या एक बड़ा अल्सर भी हो सकता है। उस जगह में थोड़ा दर्द या उससे भी अधिक दर्द हो सकता है। अक्सर हमें सिम्टम्स देर से नजर आते हैं, और तब तक तो वे हमारे शरीर में फेल चुका होता है। बेहतर है कि हम जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी इसका ट्रीटमेंट कराएं।
एसटीआई को कैसे प्रिवेंट किया जा सकता है?
1. मल्टीपल पार्टनर्स के साथ सेक्स ना करें।
2. 20 साल की उम्र से पहले सेक्स करना अवॉइड करें।
3. अपने सेक्सुअल पार्टनर के बारे में अच्छे से जानें।
4. जब भी आप सेक्स करे तब हमेशा लेटेक्स या पॉलीयुरेथेन कॉन्डम का ही इस्तेमाल करें।
5.यह भी जानें कि कुछ सेक्सुअल प्रैक्टिस एसटीआई की रिस्क को बढ़ाते हैं जैसे कि एनल सेक्स।
6. अपने आपको वैक्सीन लगवाएं। कुछ एसटीआई जैसे कि एचपीवी या हेपेटाइटिस बी से अपने आपको वैक्सिनेटेड रखें।