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क्या होता है वर्जिनिटी टेस्ट? क्यों लड़कियों के लिए ये हो सकता है खतरनाक?

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Swati Bundela
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सेक्सुअल एक्सपीरियंस नहीं हो।
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कई कल्चर में महिला की वर्जिनिटी को बहुत वैल्यू दी जाती है और शादी या काम से पहले एक महिला का वर्जिन होना आवश्यक माना जाता है। जो लड़कियां सेक्शुअली एक्टिव होती है, उन्हें Impure, चरित्रहीन और सम्मान के काबिल नहीं माना जाता। कई बार उन महिलाओं का वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है, जिन्होंने किसी सेक्सुअल असॉल्ट का सामना किया हो। सेक्स जरूरी नहीं वजाइनल ही हो। एक महिला ओरल या एनल सेक्स में इंवॉल्व हो सकती है और ट्रेडिशनल सेंस में वर्जिन कहला सकती है।
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मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना Unreliable मेथड


मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो यह Unreliable है, इस पर पूरी तरीके से भरोसा नहीं किया जा सकता। यह प्रोसेस लड़कियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अधिकतर वर्जिनिटी टेस्ट 2 फिंगर मेथड द्वारा किया जाता है। इसमें डॉक्टर या कोई अन्य व्यक्ति लड़की के वजाइना में 2 उंगलियां डाल कर देखते हैं कि हाइमन (वेजाइनल ओपनिंग का एक टिश्यू) इनटैक्ट या बरकरार है या नहीं या फिर वेजाइनल लैक्सिटी (अगर लूजनेस है तो मतलब सेक्सुअल एक्टिविटी हुई है)।
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हाइमन इस टेस्ट को सही नहीं ठहरता


कुछ लोगों का मानना है की हाइमन ऐसी कवरिंग है, जो पहले इंटरकोर्स के दौरान ही टूटती है। अगर आपका हाइमन ब्रेक है, इसका मतलब है कि आप वर्जिन नहीं है। लेकिन यह सच नहीं है। कई लड़कियां बिना हाइमन के ही पैदा होती है और कुछ लड़कियों में हाइमन बहुत छोटा होता है। हाइमन कई दूसरे तरीकों से भी टूट सकता है जैसे बाइक या घोड़े की सवारी करते वक्त या फिर कोई स्पोर्ट्स के दौरान या फिर जब tampon इंसर्ट करते वक्त। टूटे हुए हाइमन का यह मतलब नहीं कि लड़की किसी सेक्सुअल इंटरकोर्स में इंवॉल्व है।
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हर एक वजाइना अलग होता है


यह भी एक कॉमन मिथ है कि अगर वजाइना लूज है तो लड़की वर्जिन नहीं है। यह सच नहीं। हर एक वजाइना अलग होता है। वजाइना इस तरीके से बने होते हैं कि वे इलास्टिक होते हैं। वह सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान पेनिस को अकोमोडेट करने के लिए लूज हो जाते हैं और सेक्स के बाद फिर से वे टाइट हो जाते हैं। लेकिन कुछ वजाइना दूसरे वजाइना से ज्यादा लूज होते हैं।
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वर्जिनिटी टेस्ट है खतरनाक


वर्जिनिटी टेस्ट शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तीनों ही रूप से एक लड़की को हार्म करता है। यह टेस्ट बहुत पेनफुल होता है और कई लड़कियां को डर, पीड़ा और अनादर का सामना करना पड़ता है। इससे लाइफ में आगे चलकर सेक्सुअल प्रॉब्लम्स भी आ सकती है। कई लड़कियों को इसके कारण उनकी फैमिली, कम्युनिटी से अलग कर दिया जाता है। उन्हें किसी सोशल इवेंट में नहीं बुलाया जाता। उनसे कोई शादी नहीं करना चाहता। उन्हें कोई काम नहीं दिया जाता। उनकी जिंदगी पूरी तरीके से बर्बाद हो जाती है।
सोसाइटी हेल्थ सेक्सुअल हेल्थ वर्जिनिटी टेस्ट
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