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Education or Marriage: क्या सच में शादी पढ़ाई से ज्यादा ज़रूरी है?

ब्लॉग | इश्यूज: लड़कियों के लिए पढ़ाई बहुत ज़रूरी होती है क्योंकि यह उनके भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाने में मदद करता है। एक अच्छी शिक्षा से वे अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।इससे वे अपने परिवार और समाज के लिए उपयोगी और सकारात्मक सदस्य बनते हैं।

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Trishala Singh
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Education or Marriage

(Credits: Pinterest)

Why Is There Still a Belief that Marriage is More Important Than Education for Girls:  लड़कियों के लिए पढ़ाई बहुत ज़रूरी होती है क्योंकि यह उनके भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाने में मदद करता है। एक अच्छी शिक्षा से वे अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। इससे वे अपने परिवार और समाज के लिए उपयोगी और सकारात्मक सदस्य बनते हैं। आज के समय में भी कुछ लोगों के मानने के अनुसार, लड़कियों के लिए शादी पढ़ाई से ज़्यादा महत्वपूर्ण है। इसमें कुछ मुख्य कारण हैं जो हम यहां विस्तार से चर्चा करेंगे।

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Education or Marriage: क्या सच में शादी पढ़ाई से ज्यादा ज़रूरी है?

1. सामाजिक दबाव (Social Pressure)

कई समाजों में शादी को एक महत्वपूर्ण सामाजिक स्थिति के रूप में देखा जाता है। इसमें कुछ परंपरागत मान्यताएं होती हैं जो लड़कियों को पढ़ाई से ज़्यादा शादी को अधिक महत्वपूर्ण मानने पर मजबूर कर देती हैं। इसके अलावा, सामाजिक दबाव की वजह से लोगों को अपनी बेटियों की शादी को पढ़ाई से पहले करवाने का ज़ोर देते हैं।

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2. आर्थिक मामले (Financial Condition)

कई स्थानों में, पढ़ाई की लागत इतनी अधिक होती है कि गरीब परिवारों की लड़कियों के लिए यह मुश्किल हो जाता है। परिवारों को अपनी बेटियों की शादी को पढ़ाई से अधिक महत्व देना पड़ता है क्योंकि उन्हें पढ़ाई करने के लिए पूरी तरह से सक्षम करना नामुमकिन होता है। इसलिए, उनकी आर्थिक स्थिति की वजह से ही लोग यह मानते हैं कि बेटियों को शादी करवा देना उनके लिए ज्यादा उपयुक्त होगा। इस स्थिति में, शादी को पढ़ाई से अधिक महत्व देना आर्थिक मामलों की महत्वकांक्षा और समझ का परिणाम होता है।

3. स्थानीय सांस्कृतिक प्रथाएं (Local Cultural Practices)

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कुछ समाजों में विवाह को स्थानीय सांस्कृतिक प्रथाओं और विरासत का एक हिस्सा माना जाता है। ये प्रथाएं अक्सर बेटियों की शादी को पढ़ाई से अधिक महत्व देती हैं। ऐसे समाजों में, लड़कियों की पढ़ाई और उनकी स्वावलंबना को नज़रअंदाज़ कर शादी को उनके लिए प्रमुख स्थान दिया जाता है। इसका परिणाम है कि लड़कियों को पढ़ाई की बजाय शादी में महत्व दिया जाता है और वे अपने शैली, स्थिति और समाज में सम्मान का अधिकार नहीं पा सकती हैं। इस प्रकार की सोच को बदलने की आवश्यकता है ताकि महिलाएं समाज में समानता और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त कर सकें।

4. स्थायी संबंधों का मानना (Believe in Lasting Relationships)

कुछ लोगों का विचार है कि लड़कियों के लिए पढ़ाई से ज़्यादा स्थायी संबंध बनाना ज़रूरी है। उनके लिए स्थायी संबंधों का मानना और उन्हें विवाह के माध्यम से ही समझना महत्वपूर्ण है। इस सोच के पीछे अनेक कारण हो सकते हैं, जैसे कि परंपरागत धारणाएं, समाज में स्थिरता की मांग और परिवार की समृद्धि के लिए संबंध बनाने की प्रेरणा। इसके अलावा, कुछ लोग सोचते हैं कि स्थायी संबंध बनाने से विवाह के माध्यम से जीवन की संघर्षों को सहजता से संभाला जा सकता है। यह धारणा उन्हें लगता है कि शादी को पढ़ाई से अधिक महत्वपूर्ण मानना चाहिए।

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5. पारिवारिक जिम्मेदारियां (Family Responsibilities)

 विवाह के माध्यम से पारिवारिक जिम्मेदारियों को आसानी से संभाला जा सकता है। कुछ समाजों में लड़कियों की शादी के बाद ही उन्हें पारिवारिक कार्यों का सहयोग करने की जिम्मेदारी दी जाती है। इसलिए उन्हें यह धारणा लगती है कि शादी के माध्यम से ही पारिवारिक जिम्मेदारियां संभाली जा सकती हैं और इसे लड़कियों के लिए पढ़ाई से ज़्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे लगता है कि लड़कियों को पढ़ाई के माध्यम से ज़्यादा विवाह की जरूरत है।

ये सभी कारण आज भी कुछ लोगों में इस गलत धारणा को पालते हैं कि लड़कियों के लिए पढ़ाई से ज़्यादा शादी ज़रूरी है। इस प्रकार की सोच को बदलना होगा ताकि महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने का सम्मान और अधिकार मिल सके और वे अपने जीवन में खुद को समृद्ध और प्रगतिशील बना सकें।

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