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Why One Breast Is Bigger Than the Other. Here's the Real Reason: अक्सर महिलाएं यह महसूस करती हैं कि उनके दोनों स्तनों का आकार बिल्कुल एक जैसा नहीं है। ज़्यादातर मामलों में बायां स्तन दाहिने स्तन की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है। यह अंतर कभी-कभी मामूली होता है, तो कभी यह साफ तौर पर नज़र आता है। लेकिन क्या ये चिंता की बात है? और ऐसा क्यों होता है?
Left vs Right Breast: क्यों एक स्तन दूसरे से थोड़ा बड़ा होता है? जानें वजह
स्तन का आकार
यह सत्य है कि हमारे हाथ, आंखें, पैर या भौंहें भी पूरी तरह समान नहीं होतीं, वैसे ही स्तनों में भी थोड़ा फर्क होना बिल्कुल सामान्य बात है। इसका वैज्ञानिक नाम Breast Asymmetry है। शरीर के दोनों हिस्सों का बिल्कुल एक जैसा होना अनोखा है।
हार्मोनल बदलाव
महिलाओं के शरीर में हार्मोन में बदलाव का असर सीधा स्तनों पर पड़ता है। किशोरावस्था में जब स्तनों का विकास शुरू होता है, तो कई बार एक स्तन पहले बढ़ना शुरू करता है और दूसरा बाद में। कुछ समय बाद ये फर्क कम हो सकता है, लेकिन कई बार यह हमेशा बना रह जाता है। साथ ही पीरियड्स, गर्भावस्था, ब्रेस्टफीडिंग और मेनोपॉज़ जैसे समय में भी हार्मोन के प्रभाव से स्तनों का आकार थोड़ा बदल सकता है।
आनुवंशिक कारण
जीन के जरिए शरीर की संरचना में थोड़ा असमानता आना स्वाभाविक है। कई बार यह फर्क अनुवांशिक होता है। यदि आपकी मां या बहनों के स्तनों में भी ऐसा अंतर रहा है, तो आपके साथ भी यह होना पूरी तरह संभव है।
मुद्रा और जीवनशैली
आप किस ओर ज़्यादा सोती हैं, किस हाथ से भारी बैग उठाती हैं या किस ओर शरीर का दबाव ज़्यादा होता है, ये छोटी-छोटी आदतें भी स्तनों के आकार को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आप हमेशा एक ही ओर झुककर बैठती हैं या केवल एक ओर कंधे पर बैग लेती हैं, तो लंबे समय में स्तनों की बनावट पर असर पड़ सकता है।
क्या ये चिंता की बात है?
अगर दोनों स्तनों के आकार में थोड़ा फर्क है, लेकिन कोई गांठ, दर्द, रंग बदलना या कुछ रिसाव नहीं हो रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर अचानक एक स्तन का आकार बहुत बदल जाए या उसमें कोई अजीब लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। कभी-कभी ये लक्षण स्तन से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं।
आत्म-स्वीकृति
स्तनों के आकार में फर्क होना बहुत सामान्य है और ये प्राकृतिक है जो महिला की सुंदरता या स्त्रीत्व को किसी भी तरह कम नहीं करता। समाज जो हमें आदर्श और 'परफेक्ट' फिगर दिखाता है, वह वास्तविकता से परे है। इसलिए शरीर की बनावट को स्वीकार करे और खुद से प्यार करें।