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Breast Care Myths: ब्रेस्ट हेल्थ से जुड़े कई मिथक समाज में लंबे समय से प्रचलित हैं। इनमें से कुछ मिथक डर और गलतफहमियों को बढ़ाते हैं, जिससे महिलाएं अनावश्यक चिंता में घिर जाती हैं। सही जानकारी के अभाव में कई बार जरूरी देखभाल भी नजरअंदाज हो जाती है। आइए, ब्रेस्ट हेल्थ से जुड़े कुछ आम मिथकों और उनकी सच्चाई को समझते हैं।
क्या ब्रेस्ट हेल्थ से जुड़े ये आम विश्वास सच हैं या सिर्फ मिथक?
Myths 1: टाइट ब्रा पहनना ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है
टाइट ब्रा पहनना कैंसर का कारण नहीं बनता, क्यूं इसका कोई भी ठोस सबूत या वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। यह सिर्फ एक अफवाह है, लेकिन ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहे इसलिए सही साइज़ की ब्रा पहनना और टाइट ब्रा न पहनना आवश्यक है।
Myths 2: सिर्फ गांठ होने पर ही ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है
गांठ का होना ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है, लेकिन यह केवल एक लक्षण नहीं है। त्वचा में बदलाव, निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज, ब्रेस्ट में दर्द या आकार में असामान्य बदलाव भी इसके लक्षण हो सकते हैं। इसलिए किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
Myths 3: ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन करना जरूरी नहीं है
यह गलत धारणा है। ब्रेस्ट हेल्थ बनाए रखने के लिए हर महिला को महीने में एक बार खुद से ब्रेस्ट जांच करनी चाहिए। यह आदत शुरुआती संकेतों को पकड़ने में मदद कर सकती है, जिससे गंभीर स्थिति बनने से पहले ही इलाज संभव हो सके।
Myths 4: बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं को ही परेशानी होती है
यह पूरी तरह से गलत धारणा है। ब्रेस्ट हेल्थ से जुड़ी समस्याएं किसी भी साइज की महिलाओं को हो सकती हैं। ब्रेस्ट टिशू, हार्मोनल बदलाव और जीवनशैली सभी पर असर डालते हैं। इसलिए हर महिला को अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी है, और किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से की सलाह जरूरी है।
Myths 5: ब्रेस्ट इम्प्लांट्स से ब्रेस्ट कैंसर खतरा बढ़ता है
यह सच नहीं है, ब्रेस्ट इम्प्लांट्स से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम नहीं बढ़ता है। ये ब्रेस्ट कैंसर को मम्मोग्राम पर पहचानने में कठिनाई पैदा कर सकते हैं। अगर आपके पास इम्प्लांट्स हैं, तो नियमित चेक-अप करवाना जरूरी है।