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Are You Compromising on These Important Things After Marriage? Know Why Every Woman Should Avoid These 5 Compromises: शादी कोई इवेंट या फंक्शन नहीं है, जो दो या चार दिन के खत्म हो जाए। ये एक बंधन है जो जीवनभर के लिए एक स्त्री और पुरुष को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक और सामाजिक तौर पर जोड़ता है। और इन्हीं सब कारणों से महिलाएं परिवार, रिश्ते और जिम्मेदारियों के बीच खुद से जुड़े कई जरूरी पहलुओं से समझौता करने लगती हैं। हालांकि प्यार और सामंजस्य एक रिश्ते की बुनियाद होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप अपनी खुशियों, सपनों और पहचान से समझौता करें।
Post-Marriage Priorities: शादी के बाद क्या आप इन ज़रूरी चीज़ों से कर रही हैं समझौता? जानिए हर महिला को क्यों नहीं करनी चाहिए ये 5 कॉम्प्रोमाइज़
1. करियर और आत्मनिर्भरता
शादी के बाद कई बार महिलाओं से उम्मीद की जाती है कि वे अपने करियर को छोड़ दें या उसे दूसरी प्राथमिकता बना दें, मानो अब घर-परिवार ही उनका एकमात्र दायित्व है। लेकिन यह धारणा सही नहीं है। हर महिला को अपने प्रोफेशनल सपनों को पूरा करने का पूरा हक है। अगर आपका काम आपको खुशी और आत्म-संतोष देता है, तो उसे छोड़ना किसी भी तरह से उचित नहीं है। करियर केवल आय का साधन नहीं, बल्कि आपकी पहचान, आत्मनिर्भरता और आत्म-सम्मान की भी नींव होता है।
2. मानसिक स्वास्थ्य
शादी के बाद महिलाएं अपनी इच्छाओं, दुख और तकलीफों को जाहिर नहीं करतीं ताकि रिश्तों में दरार न आए। लेकिन यह धीरे-धीरे मानसिक तनाव में बदल सकता है। हर महिला को अपने मानसिक स्वास्थ्य का उतना ही ख्याल रखना चाहिए जितना शारीरिक स्वास्थ्य का। ज़रूरत हो तो काउंसलिंग या किसी से खुलकर बात करना बिल्कुल गलत नहीं है।
3. खुद के लिए समय
शादी के बाद महिलाओं का पूरा समय घर, पति, बच्चों और परिवार को चला जाता है, और खुद के लिए समय निकलना जरूरी नहीं समझती। इसीलिए खुद को समय देना चाहे वो 15 मिनट की कॉफी हो, किताब पढ़ना, योग करना या सिर्फ अकेले बैठना ही क्यों न हो। ये समय आपको रिफ्रेश करता है और आपकी एनर्जी को बनाए रखता है।
4. आर्थिक स्वतंत्रता
महिला के आत्मविश्वास और निर्णय लेने की ताकत को आर्थिक स्वतंत्रता ही बढ़ाती है। शादी के बाद अगर आप जॉब नहीं कर रही हैं, तब भी कोशिश करें कि अपने खर्चों और जरूरतों के लिए आपको हर बार किसी और पर निर्भर न रहना पड़े। कुछ महिलाओं को घर बैठे भी फ्रीलांसिंग, ऑनलाइन काम या छोटे बिज़नेस से आमदनी हो सकती है।
5. सम्मान का अधिकार
एक महिला को हमेशा यह समझना चाहिए कि सम्मान पाना उसका अधिकार है, न कि कोई एहसान। रिश्ते में बराबरी न हो तो वह टिकता नहीं है, बस निभाया जाता है। किसी भी रिश्ते की बुनियाद सम्मान और बराबरी होती है। अगर शादी के बाद आपको अपने विचार, फैसले या पसंद-नापसंद के लिए तवज्जो नहीं मिल रही है, तो यह एक गंभीर संकेत है।