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Comfort Zone: कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर बन सकते हैं कामयाब

ब्लॉग | लाइफ़स्टाइल: कम्फर्ट जोन से लोग आलसी बन जाते हैं। हम अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहते हैं पर आलस होने के कारण कुछ नहीं कर पाते। जानें अधिक इस ब्लॉग में

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Sonali
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कंफर्ट जोन

Comfort Zone

Comfort Zone: कम्फर्ट जोन एक ऐसी स्थिति है जहां से लोग बाहर नहीं आना चाहते हैं। हमारे कम्फर्ट की गर्माहट में हमें जीवन सुरक्षित लगता है। अधिक बार हम स्वीकार करने की परवाह करते हैं, लेकिन जितना अधिक हम अपने कम्फर्ट में फंसते हैं, उतना ही अधिक हम मानव अनुभव में पूरी तरह से डूबने से चूक जाते हैं। कम्फर्ट जोन से लोग आलसी बन जाते हैं। हम अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहते हैं पर आलस होने के कारण कुछ नहीं कर पाते। 

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कम्फर्ट जोन मतलब एक सुविधा क्षेत्र। यह एक ऐसा जोन है जिसमें लोग कुछ करना नहीं चाहते बस सोचते रहते हैं कि ये करना है वो करना है। अगर जीवन में सफल और आगे बढ़ना है तो अपने कम्फर्ट जोन से निकलना बहुत जरूरी है, नहीं तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे। कम्फर्ट जोन एक टाइप की बीमारी है जो लोगो को आलसी बना देती है। कम्फर्ट जोन में रह के आप कम्फर्ट तो ले लेंगे लेकिन लाइफ में आगे नहीं बढ़ पाएंगे। आइए जानते हैं कि कम्फर्ट जोन से लोग कैसे निकल सकते हैं बाहर। 

जानिए कम्फर्ट ज़ोन से निकलने के क्या हैं 5 टिप्स 

जानिए कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलने के टिप्स  :-

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1. लाइफ में रिस्क लें

कम्फर्ट जोन में रहने से बहुत लोग रिस्क कम लेते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी जिंदगी में कुछ बदलाव नहीं चाहिए, वह बस सोचते हैं कि जो चल रहा है चलने दो। यह अपने दिमाग में सेट कर के रखते हैं। यही करण है कि कुछ कर नहीं पाते हैं जिंदगी में अगर आप थोड़ा रिस्क लोगे तो आपकी लाइफ काफी बेहतर हो जाएगी। इसीलिए रिस्क लेना सीखें।

2. आलस से दूर रहें

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अक्सर हम किसी काम को करने के लिए सोचते हैं लेकिन आलस से कुछ कर नहीं पाते हैं, जैसे कि हम सोचते हैं कि सुबह जल्दी उठाएंगे लेकिन जब टाइम होता है तो उठ नहीं पाते। यही करण है जिसे हमें बदलना है।

3. अपने डर को भगाएं 

हम अपने डर के मारे कुछ कर नहीं पाते हैं। अपने जीवन में कुछ करने से पहले बहुत बार सोचते हैं कि ये कर पाएंगे हम या नहीं क्योंकि हमें डर लगता है बदलाव से। लेकिन हमें कुछ भी करने से पहले डरना नहीं चाहिए। एक बदलाव ही है जो आपकी जिंदगी बदल देगा इसीलिए डरना छोड़े और करना सीखें।

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4. नई चीजें सीखें

कुछ नया करना सीखें जो आपको आपके कम्फर्ट जोन से निकालेगा और आपके मन को मजबूत रखेगा। समय-समय पर ऐसी नयी-नयी चीज़ें सीखते रहो जो थोड़ी चैलेंजिंग हों जैसे कि ट्रैवलिंग करना या फिर दूसरी भाषा सीखना और भी बहुत कुछ जो आपको कम्फर्ट जोन से निकालने में मदद करेगा।

5. अपनी मानसिकता बदलें

कई बार हम खुद के ही बारे में कुछ नेगेटिव बिलीफ बना लेते हैं जैसे कि खुद को कमजोर समझना, खुद की ही काबिलियत पर भरोसा न करना और खुद के ही बारे में कुछ नेगेटिव बातें सोचना, यह सब करण हैं जो हमें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं निकलने देते।

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