How To Fix Sleep Schedule ?: इस भागती–दौड़ती जिंदगी में हम खुद का ध्यान देना तो बिल्कुल भूल जाते हैं। हमें यह याद ही नहीं रहता कि काम के अलावा भी हमारी खुद की एक जिंदगी है जिसे स्वस्थ रखना बहुत ही आवश्यक है। हम अपने काम को इतना प्रायोरिटी दे देते हैं की ना हमें खाने का याद रहती है और ना सोने की। यह जानना बहुत जरूरी है कि सिर्फ खान-पान और व्यायाम से ही लाईफ स्वस्थ नहीं रहती उसके लिए एक पर्याप्त नींद होना बहुत जरूरी है। अगर हमारा स्लीपिंग शेड्यूल सही नहीं है तो उसकी वजह से हमें बहुत सारे तनाव हो सकते हैं और मन में हरदम एक स्ट्रेस सा चलता रहता है। पर्याप्त नींद होने का मतलब यह नहीं होता कि हम पूरे 8 घंटे की प्रॉपर नींद ले बल्कि इसका मतलब यह होता है कि हम एक फिक्स समय बना ले की कब हमें सोना और कब उठना है। यह हमारे स्ट्रेस मैनेजमेंट में भी बहुत फायदेमंद होता है। तो चलिए यह जानते हैं कि अपने स्लीप शेड्यूल को कैसे ठीक करें –
स्लीप शेड्यूल को ठीक करने के 5 तरीके–
1. सोने और उठने का समय तय करें
अक्सर हम कभी भी सो जाते हैं और उठ जाते हैं जिसकी वजह से हमारा स्लिप शेड्यूल बहुत ही डिस्टर्ब होता है और इसकी वजह से हमें स्ट्रेस की भी दिक्कत हो सकती है। सोने और उठने का समय तय करने की वजह से बॉडी क्लॉक भी सही ढंग से काम करना शुरू कर देगी और फिर आपको एक निर्धारित समय पर उठने और सोने की आदत हो जाएगी।
2. स्क्रीन टाइम
अक्सर लेट सोने और लेट उठने का कारण स्क्रीन टाइम होता है। आज कल के युवाओं में यह समस्या बहुत ही साधारण हो गई है। लगातार फोन या लैपटॉप इस्तेलना करने से हमारी नींद पूरी नहीं होती। स्क्रीन से निकल रही ब्लू लाइट जो कि हमारे स्लिप हार्मोन को प्रभावित करती है जिसकी वजह से हमें नींद आने में दिक्कत होती है। आप सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल या लैपटॉप इस्तमाल करें, उसके बाद उसे रख दे। ऐसे आपकी नींद भी पूरी हो सकेगी।
3. दिन में सोना
अक्सर ऐसा होता है कि हम बहुत थके हारे रहते हैं और सोचते हैं कि दिन में एक नैप लेने में कोई गलत बात नहीं है। पर कभी-कभी यह हमारे स्लिप शेड्यूल को प्रभावित करता है जिसकी वजह से रात में हमें नींद नहीं आती। अगर आपको झपकी लेनी ही है आप उसे 20 से 30 मिनट तक ही ले और यह बिल्कुल ध्यान रखें कि दोपहर के बाद झपकी लेना सीधे आपकी रात की नींद को प्रभावित करेगा।
4. डेली रूटीन
बचपन में सोने से पहले ही हमारी सारी दिनचर्या हम बना लेते थे। सुबह उठ के स्कूल जाना उसके बाद ट्यूशन पढ़ना, होमवर्क करना जिसकी वजह से हमारा टाइम रूटीन अच्छा रहता था। अगर सोने से पहले हम अपनी दिनचर्या बना ले तो हमें उठने में भी आसानी रहेगी। यह हमारे मस्तिष्क को संकेत देता रहता है कि अब सोने का समय आ गया है। जिससे हमारा दिमाग प्रॉपर टाइम मैनेजमेंट के साथ काम करता है।
5. कैफीन और भारी भोजन से बचे
कैफीन के अंदर कुछ ऐसे तत्व होते हैं जिसकी वजह से हमारी नींद गायब हो जाती है। अक्सर लोग रात में काम या पढ़ने के समय कैफीन का प्रयोग करते हैं जो उन्हें जगा कर रखता है। अगर आपको अच्छी निंद्रा लेनी है तो सोने से पहले कैफीन ना ग्रहण करें। सोने से ठीक पहले भोजन करना हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है जिसकी वजह से हमारी नींद भी खराब हो सकती है। इसलिए सोने से 2 घंटे पहले भोजन करना अच्छा रहता हैं।