Incense Stick: पूजा पाठ के दौरान हर धर्म में कुछ-न-कुछ जलाया जाता है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान जलाई जाने वाली धूप अपने आप में बहुत महत्व रखती है। आज से ही नहीं बहुत प्राचीन काल से ही पूजा-पाठ के दौरान धूप और दीप का इस्तेमाल होता आया है।
धूप को अगरबत्ती के नाम से भी जाना जाता है। अगर एक तरह का सुगंधित लकड़ी वाला पेड़ होता है। धूप या अगरबत्ती जलाने के बहुत से शारीरिक और मानसिक फायदे हैं। इनको घर पर जलाने से वातावरण पर एक अलग ही प्रभाव जाता है। पुरुषों को लें चाहें महिलाओं को, हर एक के लिए पूजन विधान में धूप जलाना होता है।
धूप या अगरबत्ती जलाने के क्या फायदे हैं
धूप या अगरबत्ती को घर पर जलाने से निम्नलिखित फायदे पहुंचते हैं, आइए जानें :-
वातावरण सुगंधित होता है
धूप या अगरबत्ती जलाने से वातावरण में एक अलग ही खुशबू छा जाती है। इस खुशबू से एक तरह से सकारात्मक ऊर्जा वातावरण के चारो ओर छा जाती है। बहुत बार लोग धूप का चुनाव उसकी सुगंंध से करते हैं। ऐसा इसलिए कि मन-भावन सुगंंध हर किसी को खुशहाल रखती है और वातावरण में तनाव पैदा नहीं होने देती।
तनाव दूर करे
महिलाएं हों या पुरुष मानसिक तनाव हर किसी की जिंदगी में होता है। धूप या अगरबत्ती में बहुत सी ऐसी जड़ी-बूटियां पड़ी होती हैं जिनसे मानसिक तनाव पूरी तरह दूर हो जाता है। धूप मन को शांति देती है। ऐसे में नियमित धूपबत्ती जलाना वातावर्ण के लिए शुभ है। जरूरी नहीं धूप को आस्था से ही जोड़ा जाए। धूप को नॉर्मल जलाने से भी तनाव दूर हो जाता है।
बीमारियां नहीं होतीं
धूप या अगरबत्ती की एक खासियत ये भी है कि इसको जलाने से वातावरण में बैक्टीरिया और अन्य कीटाणु नहीं पनपते। ऐसा इसमें मौजूद बहुत तरह की जड़ी-बूटियों के कारण होता है। धूप को जलाने से मौजूत कीटाणु वातावरण से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैंं। वायु प्रदूषित नहीं रह जाती। यही कारण है धूपबत्ती का इस्तेमाल रोजाना करना होता है कि इससे वातावरण शुद्ध होता है।
इस तरह देखा जा सकता हैै कि धूप या अगरबत्ती को जलाना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हितकर है। इसको जलाने से मन प्रसन्न होने के साथ-साथ घर का वातावरण भी शुद्द रहता है। हालांकि कुछ लोगों को धूपबत्ती से एलर्जी हो सकती है, ऐसे में उस धूप का इस्तेमाल न करें जिसकी खुशबू अच्छी न लगती हो या उससे परेशानी पैदा होती हो। धूप अपने पसंद की जलाएं।