जानिए इंदौर के आखिरी शासकों की शानदार ज़िंदगी के बारे में

इंदौर के आखिरी शासक महाराजा यशवंत राव होल्कर द्वितीय और महारानी संयोगिता बाई की शानदार जीवनशैली के बारे में जानें। इनके शासनकाल, फैशन सेंस और विदेश यात्राओं के बारे में दिलचस्प तथ्य।

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Vaishali Garg
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इंदौर के आखिरी शासक महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय और महारानी संयोगिता बाई होलकर अपनी शानदार जीवनशैली के लिए जाने जाते थे। कला के प्रति उनके शौक ने उन्हें एक अलग पहचान दी।

जानिए इंदौर के आखिरी शासकों की शानदार ज़िंदगी के बारे में 

विलासितापूर्ण जीवन

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महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय और महारानी संयोगिता बाई होलकर आज के समय में विवादित शख्सियत माने जाते हैं। अधिकांश रियासतों के शासकों की तरह इन्होंने भी विलासितापूर्ण जीवन जिया। आजादी की लड़ाई के दौरान इनका राष्ट्रवाद से जुड़ाव कम ही दिखा। हालांकि, महाराजा ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में कई योगदान दिए, लेकिन इनकी शानदार जीवनशैली, फैशन सेंस और यूरोप की लगातार यात्राएं हमेशा चर्चा में रहीं। 

यशवंत राव द्वितीय और संयोगिता बाई कौन थे?

महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय ने 17 साल की उम्र में अपने पिता तुकोजीराव होलकर तृतीय की जगह इंदौर की रियासत संभाली। उन्होंने अपनी शिक्षा इंग्लैंड के चिएम स्कूल, चार्टरहाउस और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के क्राइस्ट चर्च से पूरी की।

महाराजा ने 1926 से 1948 तक शासन किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल बनवाए, इंदौर और बॉम्बे के बीच पहली व्यावसायिक उड़ान की शुरुआत की और डॉ. राजेंद्र प्रसाद को एक एयर कंडीशनर वाला रेल कोच गिफ्ट किया। उनके शासनकाल को इंदौर का 'स्वर्ण युग' माना जाता था।

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1924 में यशवंत राव द्वितीय की शादी कगाल के राजाश्री दत्ताजीराव की बेटी स्विट्ज़रलैंड में पैदा हुई संयोगिता बाई देवी से हुई। दोनों की मुलाकात ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुई थी। यह जोड़ा अपने शानदार स्वाद और विदेश यात्राओं के लिए जाना जाता था।

उन्होंने यूरोप और अमेरिका की यात्रा की, दुनिया की सांस्कृतिक राजधानियों में घूमे, सोशल लाइफ में शामिल रहे और मशहूर फोटोग्राफर मैन रे जैसे लोगों का ध्यान खींचा। वे अपनी कॉकटेल पार्टियों के लिए भी जाने जाते थे जिनमें दुनिया के नामी लोग शामिल होते थे।

उन्होंने जर्मन आर्किटेक्ट एकर्ट मुथेसियस द्वारा डिजाइन किए गए इंदौर के मणिक बाग महल का निर्माण करवाया। इसमें आर्ट डेको फीचर्स और एयर कंडीशनिंग जैसी नई तकनीकें थीं। महाराजा के बड़े जैज़ रिकॉर्ड्स संग्रह के साथ यहां शानदार डांस पार्टियां होती थीं।

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माना जाता है कि उनकी संपत्ति करोड़ों डॉलर की थी। 1980 में मणिक बाग की कई चीज़ें मोनोको में नीलाम हुईं। 2019 में इनमें से कई को पेरिस के म्यूज़ियम ऑफ़ डेकोरेटिव आर्ट्स में प्रदर्शित किया गया।