Soft Life: महिलाएं हसल कल्चर से किनारा क्यों कर रही हैं? जानें मानसिक शांति, सीमाएं तय करने और संतुलित जीवन की तलाश

Soft Life: एक नया चलन सामने आया है, 'सॉफ्ट लाइफ'। खासकर महिलाएं अब दिन-रात काम करने और खुद को हर जगह साबित करने की जगह एक शांत, संतुलित और खुशहाल जीवन की ओर बढ़ रही हैं।

author-image
Tamnna Vats
New Update
Lifestyle

Why are women distancing themselves from hustle culture? Discover the Pursuit of Mental Peace, Setting Boundaries, and a Balanced Life: आजकल की तेज़ ज़िंदगी में जहां हर कोई आगे निकलने की दौड़ में लगा है, वहीं एक नया चलन सामने आया है, 'सॉफ्ट लाइफ'। खासकर महिलाएं अब दिन-रात काम करने और खुद को हर जगह साबित करने की जगह एक शांत, संतुलित और खुशहाल जीवन की ओर बढ़ रही हैं। वे अब 'हसल कल्चर' यानी लगातार भाग-दौड़ और ओवरवर्क वाली ज़िंदगी को धीरे-धीरे अलविदा कह रही हैं।

Advertisment

Soft Life: महिलाएं हसल कल्चर से किनारा क्यों कर रही हैं? जानें मानसिक शांति, सीमाएं तय करने और संतुलित जीवन की तलाश

Soft Life क्या है ?

सॉफ्ट लाइफ का मतलब है ऐसी ज़िंदगी जीना, जिसमें मानसिक शांति, आत्म-सम्मान और संतुलन को सबसे ज़्यादा अहमियत दी जाए। इसका ये मतलब नहीं कि करियर या सफलता छोड़ दी जाए, बल्कि ये सोच कहती है कि बिना खुद को थकाए या खोए, एक ऐसी लाइफस्टाइल अपनाई जाए जिसमें आराम का वक्त हो, अपनी सीमाएं तय हों और खुद के लिए भी समय निकाला जाए।

Advertisment

हसल कल्चर और महिलाएं

कई सालों से महिलाएं घर, काम और समाज के बीच खुद को साबित करने में लगी थीं। परफेक्ट बनने की कोशिश, ओवरटाइम, मल्टीटास्किंग और सबको खुश रखने की चाह ने उन्हें थका दिया। खासतौर पर महामारी के बाद महिलाओं का नजरिया बदला है। अब वे मानने लगी हैं कि लगातार व्यस्त रहना ही सफलता की पहचान नहीं है, बल्कि अपनी सेहत और खुशी को प्राथमिकता देना ज़्यादा जरूरी है।

मानसिक शांति और सीमाएं तय करना 

Advertisment

सॉफ्ट लाइफ अपनाने वाली महिलाएं अब अपने समय और एनर्जी की अहमियत समझने लगी हैं। वे ऑफिस के बाद फोन न उठाना, छुट्टी में वर्क ईमेल से दूर रहना, साफ़-साफ़ "ना" कहना और खुद के लिए वक्त निकालना जैसे फैसले ले रही हैं। ये छोटे-छोटे कदम उन्हें मानसिक शांति देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बना रहे हैं। अब वे हर वक्त एक्टिव रहने की आदत छोड़कर अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीना चाहती हैं।

Soft Life, संतुलित जीवन की नई परिभाषा

सॉफ्ट लाइफ अपनाने का ये मतलब नहीं कि महिलाएं अब काम नहीं करना चाहतीं। इसका मतलब है कि वे काम और निजी जिंदगी के बीच सही संतुलन चाहती हैं। वे चाहती हैं कि उनके पास करियर हो, लेकिन साथ ही परिवार, दोस्त, शौक और खुद के लिए भी समय हो। ये सोच उन्हें ज़्यादा संतुलित और खुशहाल बना रही है।

महिलाएं संतुलन Peace Life