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Impact Of Estrogen: एस्ट्रोजन एक ऐसा हार्मोन है जो महिलाओं के शरीर में कई अहम भूमिकाएँ निभाता है। यह न सिर्फ मासिक धर्म चक्र और मूड को प्रभावित करता है बल्कि बालों, त्वचा और यौन स्वास्थ्य पर भी इसका सीधा असर पड़ता है। यही वजह है कि जब महिलाएँ मेनोपॉज के करीब पहुँचती हैं, तो एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आने लगती है, जिससे शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। इन बदलावों को समझकर और सही देखभाल अपनाकर महिलाएँ अपनी सेहत को बेहतर बनाए रख सकती हैं।
Impact Of Estrogen: घने बाल, निखरी त्वचा और रोमांचक सेक्स लाइफ का राज़
बालों के स्वास्थ्य में एस्ट्रोजन की भूमिका
अक्सर महिलाएँ 40 की उम्र के बाद अपने बालों में बदलाव महसूस करने लगती हैं। घने और चमकदार बाल पहले जैसे नहीं लगते, वे पतले, रूखे और कमजोर होने लगते हैं। इसका मुख्य कारण एस्ट्रोजन का स्तर गिरना है। एस्ट्रोजन बालों की ग्रोथ में मदद करता है और हेयर फॉलिकल्स को लंबे समय तक एक्टिव फेज में बनाए रखता है। जब एस्ट्रोजन कम होने लगता है, तो बाल झड़ने लगते हैं और उनकी ग्रोथ धीमी हो जाती है।
इस दौरान बालों की सेहत बनाए रखने के लिए सही डाइट और स्कैल्प केयर जरूरी है। प्रोटीन से भरपूर आहार, ओमेगा-3 फैटी एसिड और बायोटिन बालों को जड़ से मजबूत बनाने में मदद करते हैं। भारत का पहला मनोपॉज प्रोटीन Gytree Menopause Protein भी इस दौरान प्रोटीन सप्लीमेंट के रूप में फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, स्कैल्प मसाज और हाइड्रेटिंग हेयर ट्रीटमेंट्स बालों को नमी और पोषण देकर उन्हें स्वस्थ बनाए रखते हैं।
त्वचा पर एस्ट्रोजन का प्रभाव
एस्ट्रोजन त्वचा में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा टाइट और लोचदार बनी रहती है। यह त्वचा में नमी बनाए रखने में भी मदद करता है, जिससे उसका नैचुरल ग्लो बरकरार रहता है। लेकिन जब एस्ट्रोजन कम होने लगता है, तो त्वचा रूखी पड़ने लगती है, झुर्रियाँ दिखने लगती हैं और उसकी लोच कम होने लगती है।
इससे बचने के लिए हाइल्यूरोनिक एसिड और सेरामाइड्स युक्त मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आहार जैसे बेरीज़ और नट्स को डाइट में शामिल करने से कोलेजन का स्तर बेहतर बना रहता है। इसके साथ ही, सूरज की हानिकारक किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है, ताकि त्वचा की सेहत लंबे समय तक बनी रहे।
एस्ट्रोजन और सेक्सुअल हैल्थ
एस्ट्रोजन में गिरावट का असर महिलाओं के Sexual Health पर भी पड़ता है। कम एस्ट्रोजन की वजह से वजाइनल ड्रायनेस, ब्लड फ्लो में कमी और Sex Drive में गिरावट महसूस हो सकती है। इससे यौन संबंध असहज या कम सुखदायक लग सकते हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समस्या नहीं है।
इस दौरान वजाइनल मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल, नियमित एक्सरसाइज़ और Gytree Menopause Protein व फ्लैक्ससीड्स जैसे हार्मोन-सपोर्टिंग फूड्स को डाइट में शामिल करना मददगार हो सकता है। इसके अलावा, डॉक्टर से सलाह लेकर हार्मोन थेरेपी या लुब्रिकेंट्स के विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।
Gytree की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुदेष्णा रे कहती हैं, "मेनोपॉज किसी चीज का अंत नहीं बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत है। महिलाओं को बिना किसी शर्म या दबाव के अपनी यौन संतुष्टि और संबंधों के नए तरीकों को अपनाना चाहिए।"
प्राकृतिक रूप से एस्ट्रोजन को सपोर्ट करने के तरीके
Menopause एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन सही डाइट और लाइफस्टाइल से इससे जुड़े बदलावों को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और फाइटोएस्ट्रोजेन्स से भरपूर संतुलित आहार लेने से हार्मोन हेल्थ को सपोर्ट किया जा सकता है। नियमित व्यायाम करने से ब्लड सर्कुलेशन और मूड बेहतर होता है, जबकि अच्छी नींद और तनाव प्रबंधन शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
एस्ट्रोजन के प्रभाव को समझकर महिलाएँ अपनी बॉडी का बेहतर ख्याल रख सकती हैं। सही देखभाल के साथ, बाल लंबे समय तक घने बने रह सकते हैं, त्वचा में निखार बना रह सकता है और यौन जीवन भी आनंददायक बना रह सकता है। खुद की देखभाल सिर्फ सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और खुशी के लिए भी जरूरी है।
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