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From periods to skin breakouts, know the role of hormones: हमारा शरीर कई तरह के हार्मोन्स के जरिए नियंत्रित होता है, जो हमारी सेहत, मूड, त्वचा, मेटाबॉलिज़्म और पीरियड साइकल तक को प्रभावित करते हैं। लेकिन जब इन हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है, तो यह कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है। महिलाओं में Hormonal Imbalance आम समस्या है, लेकिन इसे समझकर सही देखभाल की जाए तो इसे बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।
पीरियड्स से लेकर स्किन ब्रेकआउट्स तक, हार्मोन्स का रोल जानो
हार्मोन्स का शरीर में क्या रोल है?
हार्मोन्स शरीर में केमिकल मैसेंजर की तरह काम करते हैं, जो हमारे शरीर के अलग-अलग कार्यों को नियंत्रित करते हैं। ये हमारे पीरियड साइकल, फर्टिलिटी, स्किन हेल्थ, वजन, एनर्जी लेवल और मानसिक संतुलन को प्रभावित करते हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन, इंसुलिन और थायरॉयड हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
Hormonal असंतुलन के लक्षण
हार्मोन्स का असंतुलन कई तरीकों से नजर आ सकता है। इसके कुछ आम लक्षण हैं, समय पर न आना, बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग होना।मुंहासे, ड्रायनेस, ओइली स्किन या हेयरफॉल। बिना किसी कारण तेजी से वजन में बदलाव। अचानक गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन या लो फील करना।हर समय सुस्ती महसूस करना, नींद न आना या ज्यादा Sleep आना।
पीरियड्स और हार्मोन्स का कनेक्शन
पीरियड्स अनियमित होना, ज्यादा दर्द होना या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), थायरॉयड डिसऑर्डर और एस्ट्रोजेन-प्रोजेस्टेरोन असंतुलन से Periods साइकल गड़बड़ हो सकता है। सही डाइट, एक्सरसाइज और डॉक्टर की सलाह से इसे बैलेंस किया जा सकता है।
स्किन और हार्मोन्स का असर
हार्मोनल बदलाव का सबसे ज्यादा असर स्किन पर पड़ता है। अगर टेस्टोस्टेरोन ज्यादा हो जाए तो मुंहासे और ऑयली स्किन की समस्या हो सकती है। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के असंतुलन से ड्रायनेस, हेयरफॉल और स्किन एजिंग की दिक्कत हो सकती है। सही स्किन केयर रूटीन और बैलेंस डाइट से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ना केवल पीरियड्स या स्किन तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इसे पहचानकर और सही लाइफस्टाइल अपनाकर हार्मोनल हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है। अपने शरीर के सिग्नल्स को समझें, सही खानपान और एक्टिव रूटीन अपनाएं और जरूरत हो तो मेडिकल हेल्प लेने में संकोच न करें।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।