How does menopause affect women's mental health? मेनोपॉज (Menopause) महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जिसमें शारीरिक और हार्मोनल बदलावों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ सकता है। मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर कम होने लगता है, जो केवल शरीर पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव डालता है। इन बदलावों के कारण महिलाओं को कई मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए देखें कि मेनोपॉज कैसे महिलाओं की मानसिक सेहत को प्रभावित करता है-
Menopause कैसे महिलाओं की मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है?
1. मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन (Mood Swings and Irritability)
हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान अचानक और तीव्र भावनात्मक उतार-चढ़ाव का अनुभव हो सकता है। एस्ट्रोजन का स्तर गिरने से मूड को स्थिर रखने वाले न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन पर असर पड़ता है, जिससे चिड़चिड़ापन, उदासी या अनियंत्रित गुस्सा आने लगता है।
2. अवसाद (Depression)
मेनोपॉज के दौरान अवसाद (डिप्रेशन) का जोखिम बढ़ जाता है। हार्मोनल बदलाव के अलावा, इस समय महिलाएं कई जीवनशैली में बदलावों का सामना कर रही होती हैं, जैसे बच्चे बड़े हो रहे होते हैं, करियर में बदलाव, और उम्र बढ़ने की स्वीकृति। ये सभी मिलकर अवसाद की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
3. चिंता (Anxiety)
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कई बार बेवजह चिंता और बेचैनी महसूस हो सकती है। हार्मोनल बदलाव मस्तिष्क में तनाव प्रतिक्रिया तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे चिंता बढ़ सकती है। महिलाएं अक्सर बिना किसी ठोस कारण के अत्यधिक चिंता महसूस करती हैं या भविष्य की घटनाओं को लेकर बेचैन रहती हैं।
4. नींद की समस्या (Sleep Disturbances)
मेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं को नींद में कठिनाई होती है, जैसे अनिद्रा (Insomnia), बार-बार नींद टूटना या रात में पसीना आना। ये समस्याएं मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं, क्योंकि पर्याप्त नींद न मिल पाने से मूड स्विंग्स, चिंता और अवसाद की समस्या बढ़ सकती है।
5. याददाश्त में कमी और ध्यान में कमी (Memory and Concentration Issues)
मेनोपॉज के दौरान कुछ महिलाएं "ब्रेन फॉग" यानी मानसिक धुंधलापन महसूस कर सकती हैं। उन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है, या छोटी-छोटी चीज़ों को भूलने का अनुभव हो सकता है। इसका कारण हार्मोनल बदलाव और नींद की कमी से जुड़ा हो सकता है।