Menopause Talks: जाने मेनोपॉज़ कैसे असर करता है महिलाओं के शरीर पर

45 की उम्र तक आते आते महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं जिसमें से एक मेनोपॉज़ है। इसमें कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जो रिप्रोडक्शन की शांता को कम कर देते हैं।

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Anjali Mishra
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Menopause Talks

Menopause Talks Photograph: (Freepik)

Know the effects of menopause on women body: मेनोपॉज़ महिलाओं के जीवन का एक नेचुरल फेस है, जो लगभग 45 से 55 की उम्र के बीच आता है। ये एक ऐसा समय होता है जब महिलाओं के पीरियड्स बंद हो जाते हैं और रिप्रोडक्शन करने की कैपेसिटी खत्म हो जाती है। ये बदलाव हार्मोनल चेंजेस में कमी, खास तौर पर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोनों में कमी के कारण होता है। मेनोपॉज़ का प्रभाव केवल पीरियड्स के खत्म होने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह महिलाओं के शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। इस दौरान महिलाएं कई शारीरिक और भावनात्मक बदलाव का अनुभव करती हैं, जैसे हीट फ्लैशेस, रात में पसीना आना, नींद की समस्या, मूड स्विंग्स, थकान, जोड़ों में दर्द। तो आइए देखते हैं कुछ और चेंजेस जो मेनोपॉज़ महिलाओं के शरीर पर करता है।

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जाने मेनोपॉज़ कैसे असर करता है महिलाओं के शरीर पर

1. पीरियड्स बंद होना

मेनोपॉज़ स्टार्ट होने का साइन यही होता है जब महिलाओं को लगातार एक साल तक पीरियड्स नहीं आते हैं। इसमें कुछ वैरिएशंस भी हो सकते हैं जैसे कुछ साइंस पहले से मिलने लगते हैं जिसमें पीरियड्स बहुत ज़्यादा इरेगुलर हो जाते हैं, बहुत लंबे समय तक रहते हैं या हैवी ब्लीडिंग होती है।

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2. हार्मोनल बदलाव

मेनोपॉज़ के होने से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन नाम के दो हार्मोंस की कमी होने लगती है जिससे रिप्रोडक्शन करने की क्षमता कम हो जाती है। इन हार्मोंस की कमी से शरीर में और भी फिजिकल चेंजेस आते हैं जैसे थकान होने लगती है, मूड स्विंग होने लगते हैं।

3. हड्डियों का कमजोर होना

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एस्ट्रोजन की कमी से हड्डियाँ धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) हड्डियों का पतला और भुरभुरा होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे हड्डियाँ आसानी से टूट सकती हैं, खासकर कूल्हों, कलाई और रीढ़ की हड्डियों की।

4. स्किन और बालों में बदलाव

एस्ट्रोजन की कमी से स्किन पतली, रूखी और कम फ्लेक्सिबल हो जाती है जिससे स्किन लटकने लगती है। बालों की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है। वे झड़ सकते हैं या पतले हो सकते हैं। नाखून भी कमज़ोर हो जाते हैं।

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5. यूरिन में दिक्कतें 

मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं को पेशाब रोकने में परेशानी, बार-बार पेशाब लगना या पेशाब करते समय जलन की समस्या हो सकती है। इसके पीछे यूरिनरी ब्लैडर और वेजाइना की मसल्स का कमजोर होना भी कारण हो सकता है जिससे महिलाएं ज़्यादा देर तक पेशाब नहीं रोक सकती।

 

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