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Image: (Freepik)
Follow These Tips To Maintain The Mental Health Strong During Pregnancy: गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान शरीर में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं जो कई तरह से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालते हैं। लेकिन अगर माँ का मन खुशहाल और तनावमुक्त न रहे तो माँ और बच्चे दोनों की सेहत पर नकारात्मक सारा होता है और इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मानसिक संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है ताकि बच्चे का विकास भी अच्छे से हो। आप अपने इस बेहद खास समय में कुछ छोटी-छोटी आदतें अपनाकर मानसिक शांति पा सकती हैं और इस खूबसूरत सफर को ज्यादा आनंदमय बना सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ
गर्भावस्था के आपके लिए सबसे जरूरी है एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना। अपनी एक नियमित दिनचर्या, संतुलित आहार और हल्का व्यायाम आपके शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद होता है।इसलिए अपने दिन की शुरुआत सकारात्मक विचारों और ध्यान लगाने से करें। नियमित रूप से ताजी हवा में टहलें, हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें और शांत वातावरण में प्रकृति से जुड़ने की कोशिश करें। इससे तनाव कम होता है और मन भी अच्छा बना रहता है।
पौष्टिक आहार का सेवन
जिस प्रकार का खाना हम खाते हैं हमारे दिमाग और शरीर पर वैसे ही उसका सीधा असर होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना बेहद जरूरी है और वैसे भी जो भोजन गर्भावस्था में मां खाती है उससे ही बच्चा भी जरूरत का पोषण ग्रहण करता है इसलिए खाने में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर डाइट से आपके शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है जिससे थकान और चिड़चिड़ापन कम होती हैं। हरी सब्जियाँ, ताजे फल, नट्स, दूध और डेयरी उत्पादों को अपने आहार में शामिल करें। साथ ही भरपूर मात्रा में पानी लेना भी आपकी मानसिक सेहत को बनाए रखने में मदद करता है।
सेल्फ-केयर रूटीन अपनाएं
गर्भावस्था के दौरान खुद की देखभाल करना भी महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है। ऐसी सेल्फ-केयर एक्टिविटीज को अपनाएं जो आपको पसंद हैं और आपके मन को खुशी देते हैं जैसे स्किन केयर, हेयर केयर आदि। यह आपको मानसिक रूप से ताजगी और आत्मविश्वास देने में मदद करेगा और जब आप खुद को अच्छा महसूस कराएँगी तो आपका मूड भी बेहतर रहेगा और स्ट्रेस कम होगा।
पार्टनर और परिवार से बातें करें
जब आप अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करती हैं तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान अपने पार्टनर, माता-पिता या अपने दोस्तों से बात करें, उनके साथ समय बिताए क्योंकि जब आप अपने मन में उमड़ रहे विचारों, डर और उत्साह को अपने करीबियों के साथ सांझा करते हैं तो मन हल्का होता है। यह आपके रिश्तों को भी मजबूत बनाता है और आपको भावनात्मक सहयोग भी देता है।
स्क्रीन टाइम सीमित करें
मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन लंबे समय तक देखने से दिमाग को थकान होती है और तनाव भी बढ़ता है। खासकर सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से अनावश्यक चिंता हो सकती है क्योंकि हम सोशल मीडिया से खुद को कंपेयर करने लगते हैं। इसलिए अपने स्क्रीन टाइम को सीमित करें और किताबें पढ़ना, परिवार के साथ समय बिताना या बाहर टहलना इन सब आदतों को इसकी जगह पर शामिल करें।
धूम्रपान और शराब से दूर रहें
गर्भावस्था में धूम्रपान और शराब का सेवन न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है। यह आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है और मूड स्विंग्स का कारण बन सकता है इसलिए स्वस्थ मानसिक और शारीरिक स्थिति बनाए रखने के लिए इन आदतों से पूरी तरह दूर रहना जरूरी है।
पर्याप्त नींद लें
अच्छी नींद मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होती है। महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान थकान और मूड स्विंग्स की बहुत ज्यादा शिकायत रहती है जिसे रोकने के लिए पर्याप्त आराम करना और गहरी नींद लेना जरूरी होता है। इसलिए अपने सोने का एक सही समय तय करें और अगर नींद की समस्या हो रही हो तो सोने से पहले हल्का म्यूजिक सुनें, किताब पढ़ें या पैरों में तेल की मालिश करें।