माँ बनना बहुत एक्सआईटिंग होता है, लेकिन औरत के लिए उतना ही डरावना भी होता है। अक्सर गर्भवती महिलाएँ डिलीवरी के पास आते आते घबराने लगते हैं। आप चाहे बच्चा प्लान कर रहे हों, डिलीवरी के पास आ रहे हो, या आपके कोई प्रियजन गर्भवती हैं, यह ब्लॉग आपके लिए है।
डिलीवरी के लिए टिप्स:
1. क्लास ले
अक्सर अस्पतालों और नर्सिंग होम में प्री-नेटल क्लास होते हैं, जिसमें होने वाले माता पिता को डिलीवरी के समय क्या एक्सपेक्ट करना चाहिए और उससे कैसे निपटना होता है, यह सिखाया जाता है। यह क्लास डॉक्टर या नर्स द्वारा लिया जाता है इसलिए सही जानकारी ही मिलती है। किसी भी क्लास के तरह, इस क्लास में आप सवाल भी पूछ सकते हैं।
2. एक्सरसाइज
पुराने समय में होने वाली माता को ज़्यादा से ज़्यादा आराम देने की कोशिश की जाती थी, मगर सच तो यह है की प्रेग्नेंसी और डिलीवरी बीमारी नहीं, नार्मल है। इसलिए गर्भवती महिला को बीमार जैसा व्यवहार न करते हुए, अपना काम, चलना फिरना जारी रखना चाहिए। हाँ, कॉम्प्लिकेशन वाली प्रेग्नेंसी की बात अलग है, पर अगर आपकी कॉम्प्लिकेशन नहीं है, तो लाइट एक्सेर्साइज़ या योग जारी रखें। कुछ अस्पताल और डॉक्टर के क्लिनिक में प्रेग्नेंसी सेफ एक्सेर्साइज़ सिखाए जाते हैं, जिससे डिलीवरी और पोस्ट-डिलीवरी कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना कम की जाती हैं। डॉक्टर की आम एडवाइस होती है कि सोने से पहले 15-30 मिनट चले, ताकि पेट दर्द से बचा जा सके और गैस से गर्भ पर प्रेशर न हो।
भरपूर नींद
किसी भी हेल्थ रिलेटेड एडवाइस में आपको नींद की मेंशन ज़रूर मिलेगी। प्रेग्नेंसी के समय औरत ज़्यादा भरी हो जाती है, इसलिए उसका थकना भी नॉर्मल है। इस कारण उसे अपने आप नींद आ जाएगी। फिर भी, किसी कारण से अगर आपकी रात की नींद न हो, तो दिन में पूरी करने की कोशिश करें, खासकर डिलीवरी के पास। इसके दो कारण है। पहला, डिलीवरी के समय और रेकवरी में आपको बहुत एनर्जी की ज़रूरत पड़ेगी, चाहे वजाइनल डिलीवरी हो या सीसरियन। दूसरा, बच्चे के जन्म के बाद आपकी कई रातों की नींद गायब हो जाएँगी।
सामान जमा करें
डिलीवरी के समय और उसके बाद क्या ज़रूरत होंगी, उसका अनुमान लगा कर जमा कर लें। खाने की चीज़ें लेट से खरीदे पर बच्चे के कपडे, बिस्तर, प्रैम, बोतल, इत्यादि जमा करना सुरु क्र दें। अपने लिए भी चीज़ें जमा करें। आप अपने किसी मित्र या बड़े से राय ले सकते हैं, की क्या क्या ज़रूरत होती है, और लिख क्र लिस्ट बना लें। इससे डिलीवरी के करीब आपकी स्ट्रेस कम होगी। स्ट्रेस सबका दुश्मन है।
सवाल पूछें
अपने डॉक्टर से सवाल पूछे, जान पहचान वालो से सवाल पूछे, ताकि आपको आईडिया हो की क्या हो सकता है। साथ ही, नेगटिव लोगों से दूर रहें, क्योंकि वे आपको डरा क्र स्ट्रेस बढ़ा सकते हैं। सबसे ज़रूरी बात, डॉक्टर से यह अवश्य पूछे की डिलीवरी से पहले आपको क्या तैयारी करने की ज़रूरत है। सवाल पूछने से डरे नहीं। अक्सर वे खुद ही बताते हैं, मगर आपको अगर लगता है की वे कुछ मिस कर रहे हैं, तो सवाल के रूप में पेश करें। डिलीवरी और रिकवरी का प्लान अच्छे से जान ले।