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12-Year-Old Boy Takes Own Life After Public Humiliation: पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में 12 साल के एक लड़के की कथित आत्महत्या का दुखद मामला सामने आया है। लड़के ने अपनी सुसाइड नोट में लिखा, "माँ, मैंने चोरी नहीं की," ये शब्द भावुक कर देने वाले हैं और इनमें उसका भोलापन साफ झलकता है। पुलिस के अनुसार, बच्चे ने घर पर कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली। उस पर चिप्स का पैकेट चुराने का आरोप लगा था और दुकानदार ने उसके साथ मारपीट की थी। सार्वजनिक अपमान से आहत होकर बच्चे ने यह कदम उठाया।
‘माँ, मैंने चोरी नहीं की’: 12 साल के लड़के ने सार्वजनिक अपमान के बाद की आत्महत्या
पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पंसकुरा इलाके में सातवीं कक्षा के 12 वर्षीय छात्र कृष्णेन्दु दास की कथित आत्महत्या का दुखद मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार, कृष्णेन्दु ने गोसाईबर बाजार में शुवांकर दीक्षित की दुकान से चिप्स का पैकेट लिया था। दुकानदार ने दावा किया कि हवा के कारण दुकान से चिप्स के तीन पैकेट उड़ गए, जिन्हें कृष्णेन्दु ने देखा और उठा लिया। इसके बाद दुकानदार ने उसे पकड़ लिया, चिप्स के 15 रुपये मांगे, डांट लगाई, माफी मांगने को कहा और सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक करवाई। इस अपमान से आहत होकर बच्चे ने घर जाकर कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। फिर भी, पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
परिवार के अनुसार, कृष्णेन्दु दास की माँ को दुकान पर बुलाया गया और वहाँ बताया गया कि उनके बेटे ने चोरी की है। बच्चे ने बार-बार कहा कि चिप्स का पैकेट दुकान के बाहर सड़क पर गिरा हुआ मिला था और वह उसे वापस देने जा रहा था। लेकिन दुकानदार शुवांकर दीक्षित ने उसकी बात नहीं सुनी और उस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। गुस्से में आकर बच्चे की माँ ने भी उसे चांटा मार दिया।
कीटनाशक से हुई मौत
घर लौटने पर कृष्णेन्दु ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। जब उसने लंबे समय तक दरवाजा नहीं खोला, तो माँ ने आसपास के लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा। वहाँ बच्चे के पास आधी खाली कीटनाशक की बोतल पड़ी थी और उसके मुँह से झाग निकल रहा था। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। बच्चे ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था, "माँ, मैं चोर नहीं हूँ। मैंने चोरी नहीं की। जब मैं इंतज़ार कर रहा था, तो अंकल (दुकानदार) आसपास नहीं थे। लौटते समय मैंने सड़क पर कुरकुरे का पैकेट पड़ा देखा और उसे उठा लिया। मुझे कुरकुरे बहुत पसंद हैं।"