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12th Student College Admission - 12th के पपएर कैंसिल होने से बच्चों की पढाई और कॉलेजेस के इंटरके पर बहुत फर्क पढ़ा है। ऐसे में कॉलेजेस जैसे कि DU, JNU और JAMIA स्कूल का इंतज़ार करेंगे कि वो किस तरीके से नंबर देते हैं और उसके बाद ही एंट्रेंस का सोचेंगे। आने वाले अगले महीने में ये कॉलेजेस एंट्रेंस को लेकर अपडेट्स देंगे।
CBSE और CISCE के छात्रों के लिए इस साल कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। यह फैसला नरेंद्र मोदी सरकार के हाई-प्रोफाइल मंत्रियों के बीच बैठक के बाद आया है। मीटिंग की अध्यक्षता पीएम ने की और इस मीटिंग में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे। बैठक में PM मोदी को 12वीं की बोर्ड परीक्षा के संबंध में सरकार द्वारा विचार किए जा रहे सभी विकल्पों के बारे में बताया गया।
वर्तमान में, सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही थी, जिसमें एक शारीरिक परीक्षा रद्द करना भी शामिल थ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल वर्तमान में COVID-19 से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं और बैठक का हिस्सा नहीं बन पाए।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पहले की एक बैठक में कई मुद्दे उठाए गए थे, जबकि अधिकांश राज्य बाद में परीक्षा आयोजित करने के लिए सहमत हुए थे, कुछ परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ थे और मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके का सुझाव दिया था।
इसके अलावा ऑप्शन-बी का सुझाव दिया गया था जिस में कि एग्जाम सेण्टर की जगह एग्जाम स्कूल में लिए जाने की बात कही थी। एग्जाम भी अब कम समय का रखा जाएगा जो कि 90 मिनट का होता। केरल और आसाम ने एग्जाम से पहले वैक्सीनेशन के लिए कहा गया था। दिल्ली और महराष्ट्र ने बताया कि बच्चों और टीचर्स के लिए एग्जाम से पहले वैक्सीन लगना कितना ज्यादा जरुरी है।
मोदी ने किया था बोर्ड एग्जामकैंसिल का फैसला ?
CBSE और CISCE के छात्रों के लिए इस साल कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। यह फैसला नरेंद्र मोदी सरकार के हाई-प्रोफाइल मंत्रियों के बीच बैठक के बाद आया है। मीटिंग की अध्यक्षता पीएम ने की और इस मीटिंग में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे। बैठक में PM मोदी को 12वीं की बोर्ड परीक्षा के संबंध में सरकार द्वारा विचार किए जा रहे सभी विकल्पों के बारे में बताया गया।
वर्तमान में, सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही थी, जिसमें एक शारीरिक परीक्षा रद्द करना भी शामिल थ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल वर्तमान में COVID-19 से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं और बैठक का हिस्सा नहीं बन पाए।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पहले की एक बैठक में कई मुद्दे उठाए गए थे, जबकि अधिकांश राज्य बाद में परीक्षा आयोजित करने के लिए सहमत हुए थे, कुछ परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ थे और मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके का सुझाव दिया था।
बोर्ड एग्जाम के लिए ऑप्शन बी का क्या सुझाव था ?
इसके अलावा ऑप्शन-बी का सुझाव दिया गया था जिस में कि एग्जाम सेण्टर की जगह एग्जाम स्कूल में लिए जाने की बात कही थी। एग्जाम भी अब कम समय का रखा जाएगा जो कि 90 मिनट का होता। केरल और आसाम ने एग्जाम से पहले वैक्सीनेशन के लिए कहा गया था। दिल्ली और महराष्ट्र ने बताया कि बच्चों और टीचर्स के लिए एग्जाम से पहले वैक्सीन लगना कितना ज्यादा जरुरी है।