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Advocate Mala Viral Video: एडवोकेट माला में पति के नाम से इंट्रोड्यूस होने पर दिया यह जवाब

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Swati Bundela
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Advocate Mala Viral Video: ऐसा क्यों होता है जब भी किसी भी औरत का इंट्रोडक्शन देना होता है तो उस समय उसके पति, पिता, भाई या यहाँ तक की देवर के नाम की ज़रूरत पड़ती है। अक्सर लोग किसी भी औरत की बात करते समय उसे उसके मेल फैमिली मेंबर का नाम से साथ इंट्रोडस करते है। औरत और आदमी एक दूसरे के बिना अधूरे है पर मर्द के इंट्रोडक्शन के समय औरत के नाम क्यों नहीं लगता? "वो उसकी पत्नी है"।"

वो उसका पति है", सब कह देते है पर "वो उसके पति है" ऐसा पब्लिक में इंट्रोडक्शन कभी नहीं हुआ। यह 21 सेंचुरी में भी हो रहा है तो चेंज कहा है? ऐसा ही कुछ एडवोकेट माला के साथ हुआ पर उन्होंने चुप रहने की बजाए गलती को सही करना समझा।

एडवोकेट माला और पत्रकार के बीच में क्या बात हुई?

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हाल ही उन्होंने एक इंटरव्यू दिया जिसका इंट्रोडक्शन पार्ट इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है। एक मिनट और 27 सेकंड वीडियो जो वायरल हो रही है उसमें शुरुआत में पत्रकार ने एडवोकेट माला को कैमरा के सामने इंट्रोडस करने के लिए उनके प्रोफेसर पति का नाम यूज़ किया। पत्रकार ने माला से उनके पति के नाम से इंट्रोडस करके पूछा उन्हें कैसा लग रहा है? और माइक माला की तरफ किया। जिस पर पर माला ने जवाब दिया-"आपको मेरा नाम लेना चाहिए था"। अनएक्सपेक्टेड जवाब सुनकर जॉर्नलिस्ट हैरान रह गया और कंफ्यूज होकर फिर से माइक माला की तरफ किया।

एडवोकेट माला ने इसपर शांति से अपनी बात रखते हुए कहा-"नाम लेना चाहिए था जिससे आप बात कर रहे है"। इस इंसिडेंट पर हैरान और शर्म की वजह से लाल पत्रकार ने कहा-"मैं नाम ले लूँ आपका" जिसपर माला ने तुरंत कहा-"माला कह दीजिये"। अपना बचाव करते हुए पत्रकार ने आगे कहा-" काफी लोग आपको नहीं जानते है इसलिए"। जिसपर माला का जवाब पत्रकार के साथ सबके लिए सीख जैसा था।

माला ने कहा-" अगर मुझे कोई नहीं जानता तो यह आपकी ड्यूटी बनती है मुझे इंट्रोडस कराने की"। वह कहती "बस ये कहना की वो लड़की उसकी मां है, काफी नहीं होता है। उसका नाम भी है ना कुछ"। फिर वो कहती है कि वह उससे नाराज नहीं है।

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पत्रकार ने माला के बारे में क्या पूछा?

एडवोकेट होने के साथ माला एक जर्नालिस्ट भी है। जब पत्रकार ने उससे उनके बारे में पूछा, क्योंकि उन्हें कम लोग जानते है, तो एडवोकेट माला ने कहा, "मैं एक पत्रकार और एक वकील हूं। मैंने 600 मुकदमे लड़े हैं और उनमें से हर एक को जीता है, आप सुप्रीम कोर्ट की रिकॉर्ड बुक में देख सकते हैं। मुझे प्रचार पसंद नहीं है। मैं एक पत्रकार भी हूं, इसलिए मुझे पता है कि कही गई बातों को कैसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है"।


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