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तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर 15 अगस्त को कब्ज़ा कर लिया था और उसके बाद से यह सब कानून वहां के बदलते जा रहे हैं खास तौर पर महिलाओं से जुड़ीं। महिलाओं के खुले आम घूमने से लेकर वो क्या पहनती हैं, कैसे पड़ते हैं, और कैसे महिलाएं अपने आप रिप्रेजेंट करती हैं तालिबान सबके खिलाड़ खड़े रहते हैं।
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तालिबान क्यों हैं महिलाओं के लिए खतरनाक?
इनका टेरर इतना ज्यादा बढ़गया है कि एक प्रेग्नेंट पुलिसकर्मी महिला पर अफगानी ने बन्दूक चलाई वो भी उसके परिवार वालों के सामने। महिला का नाम बानू निगारा है और वो 6 महीने प्रेग्नेंट थीं। यह न्यूज़ तालिबान के एक पत्रकार बिलाल सरवरी ने संडे को ट्वीट कर के बताई। तालिबान इस न्यूज़ को एक्सेप्ट करने से साफ़ इंकार कर रहे हैं। इन्होंने कहा कि इन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। तालिबान के स्पोक्सपर्सन जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनको इस इंसिडेंट के बारे में कुछ भी पता नहीं है और ऐसा किसी दुश्मनी के चलते भी हो सकता है।
अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं की पढ़ाई
तालिबान के हायर एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि अब से महिलाओं को यूनिवर्सिटी में पड़ने की परमिश दी जा रही है लकिन मिक्स्ड क्लासेज को लेकर अभी भी बैन रहेगा। 15 अगस्त को तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया था और इसके कुछ दोनों बाद इन्होंने इस कंट्री का नाम भी बदल दिया था। तालिबान में हमेशा से महिलाओं के अधिकारों को दबाने के प्रयास किए गए हैं फिर चाहे वो बुरखे को लेकर हो या फिर पढाई को लेकर।
तालिबान के एक्टिंग मिनिस्टर का नाम अब्दुल बाक़ी हक़्क़ानी है और इन्होंने कहा कि यह देश में एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जो इस्लामिक, नेशनल और हिस्टोरिकल वैल्यूज को फॉलो करे और दूसरे देशों को भी टक्कर दे सके। इन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ने का फैसला तो किया है लेकिन इस्लामिक लॉ के अंतर्गत।
Image Credit - Tamim Hamid Tweet