Ahmedabad Serial Blast Case: 38 दोषियों को मिली एकसाथ फांसी, भारत के इतिहास में सबसे बड़ी सजा

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Swati Bundela
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Ahmedabad Serial Blast Case: आज सुबह शुक्रवार को 11 बजकर 30 मिनट पर अहमदाबाद को इंसाफ मिला है। अहमदाबाद पर हमला करने वाले दोषियों को 13 साल बाद सजा सुनाई गई और 8 की तलाश अभी भी जारी है।

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अहमदाबाद के सीरियल ब्लास्ट की कहानी क्या है?

26 जुलाई 2008 के दिन अहमदाबाद की रूह कांब उठी थी जब 70 मिनट में 21 बम धमाके हुए। जब जांच हुई तो बाकि बचे 29 बम बरामद हुए जो विस्फोट नहीं हो पाए थे। बम धमाके गोधरा कांड के जवाब में आंतकी संंगठन "इंडियन मुजाहिदीन(IM)" और बैन किए गए "स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया(SIMI)" से जुड़े हुए लोगों ने किए थे। विस्फोट से कुछ मिनट पहले कथित तौर पर "इंडियन मुजाहिदीन" ने धमाकों की चेतावनी देने के लिए टेलीविज़न चैनल्स और मीडिया को ईमेल भेजा था।

Ahmedabad Serial Blast Case में किन दोषियों को अदालत ने सजा सुनाई?

2008 में अहमदाबाद में सीरियल ब्लास्ट हुआ जिनमें 56 लोगों की जान गई जबकि 200 लोग घायल हुए थे। इस ब्लास्ट में 79 आरोपियों को पकड़ा गया था। 8 फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 79 में से 49 आरोपियों को UAPA (गैरकानूनी गतिविधयों रोकधाम अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था, 29 आरोपी सबूतों की कमी कारण बरी हुए।

एक दोषी जिसका नाम अयाज सैयद था उसे जांच में मदद करने के लिए बरी कर दिया है। इस ब्लास्ट के 49 दोषियों में से 38 को सजा-ए-मौत मुकर्रर की गयी है और 11 को उम्र कैद दी सजा सुनाई गयी है। इनके इलावा 4 और आरोपी है जिनपर मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है।
तब गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी थे जिन्होंने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की विशेष टीम का गठन किया जिसे DGP आशीष भटिया ने लीड लिया और अभय चुडस्मा DGP क्राइम और हिमांशु शुक्ला ASP हिम्मतनगर ने अहम भूमिका निभाई।तकरीबन 35 FIR दर्ज हुई थी जिन्हें जोड़कर टीम ने 19 दिनों में मामला सुजलाकर 30 आंतकियों को गिरफ्तार करवाया।

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