भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को जस्टिस हेमा कोहली और बेला एम त्रिवेदी की एक महिला जज बेंच का गठन किया। केवल महिला बेंच के पास 32 मामले सूचीबद्ध हैं, जिसमें वैवाहिक विवादों से जुड़ी 10 स्थानांतरण याचिकाएं और उसके बाद 10 जमानत मामले शामिल हैं।
All-woman Bench in SC: सुप्रीम कोर्ट में तीसरी बार केवल महिला बेंच
लाइव लॉ के अनुसार 2013 में न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजना प्रसाद देसाई की बेंच अस्थाई रूप में बैठी थी क्योंकि पीठासीन न्यायाधीश जस्टिस आफताब आलम अनुपस्थिति थे। पहली बार 2018 में केवल महिला न्यायाधीशों वाली पीठ ने वास्तव सुनवाई की थी। इस बेंच मेंजस्टिस आर भानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी मजूद थी। वर्तमान समय कुल 27 जजों में 3 महिला जज हैं जिनके नाम जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस बेला त्रिवेदी हैं। इन तीनों जजों ने एक ही दिन 31 अगस्त, 2021 शपथ ली थी।
6 अक्तूबर 1989, को भारत को पहली सप्रीम कोर्ट की जज मिली थीं जिनका नाम फ़ातिमा बीवी हैं। उनके बाद से अब तक 11 महिला जज हैं। फ़ातिमा बीवी पहिला महिला थीं जिन्होंने 1950 में बार काउंसिल की परीक्षा में टॉप किया। 2021 में कुल जजों की संख्या 33 हैं जिनमें महिला जज की संख्या 4 हैं जो की एक समय में सबसे ज़्यादा हैं।
देश को कब मिलेंगी पहली CJI
देश में पहली महिला सीजेआई के लिए 2027 तक इंतजार करना पड़ेगा। जी हाँ, 2027 में सिर्फ 36 दिनों के लिए कार्यकाल के लिए भारत की चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट में जज जस्टिस बीवी नागरत्नाबन बन सकती हैं।