Mahakumbh 2025: देखें अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं और साधुओं का सैलाब

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर सक्रांति के शुभ अवसर सुबह 6:15 से शुरू हुआ। मकर संक्रांति एक हिंदू त्यौहार है जिसमें सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाया जाता है।

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Rajveer Kaur
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Mahakumbh

Image Credit: Yogi Adityanath /X

Millions gather for the first Amrit Snan at Mahakumbh: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर सुबह 6:15 से शुरू हुआ। महाकुंभ की शुरुआत पहले दिन 1.5 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड भीड़ के साथ हुई। मकर संक्रांति एक हिंदू त्यौहार है जिसमें सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का जश्न मनाया जाता है। UP सरकार के अनुसार, "आज सुबह 8:30 बजे तक 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं। इससे हमें श्रद्धालुओं और साधुओं का महाकुंभ के लिए आस्था देखने को मिलती है।

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देखें अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं और साधुओं का सैलाब 

पहला अमृत स्नान

UP CM योगी आदित्यनाथ ने बताया अमृत स्नान का मह्त्व

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कड़क ठंड में भोले के नाम के सहारे अमृत स्नान के लिए रवाना होते हुए अघोरी साधू

धरती के कोने-कोने से पहुंच रहे श्रद्धालु

अमृत स्नान कर रहे नागा संन्यासी

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सुरक्षा का प्रबंध 

अमृत स्नान क्या है?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान में भाग लेने के लिए श्रद्धालू एकत्रित हुए। इस पवित्र स्नान, का अपना आध्यात्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि पवित्र स्नान पापों से मुक्त करता है और उन्हें मोक्ष की ओर ले जाता है। इसके लिए सबसे पहला मौका नागा साधुओं को दिया जाता है। आदि शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई अखाड़ा परंपरा में कुल 13 अखाड़े हैं। इसे संबंध रखने वाले संत, संन्यासी और नागा साधु 17 श्रृंगार करते हैं और संगम तट पर पहुंचकर स्नान करते हैं जिसे अमृत स्नान बोला जाता है। इनके बाद आम लोगों को मौका दिया जाता है।