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Photograph: (Instagram)
Anahat Singh Hits World 68 Becomes India Top Female Squash Player: 17 वर्षीय भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह भारत की नंबर वन स्क्वैश महिला खिलाड़ी बन चुकी हैं। शुक्रवार को उन्होंने भारतीय स्क्वैश और ट्रायथलॉन अकादमी में SRFI इंडियन टूर 2025 PSA चैलेंजर इवेंट में महिला स्क्वैश टाइटल का खिताब हासिल किया। चलिए जानते हैं कि कैसे 17 वर्षीय अनाहत सिंह की वर्ल्ड रैंकिंग क्या है और कैसे उन्होंने भारत की नंबर वन महिला स्क्वैश खिलाड़ी का सफर तय किया?
Anahat Singh is now India's No.1 in Squash 🇮🇳
— The Khel India (@TheKhelIndia) March 25, 2025
- After the recent PSA Challenger Title win, she has moved to World No. 68 in the latest ranking!
Well Done Anahat Singh 🙌 pic.twitter.com/MqXYqaHjM4
68वीं वर्ल्ड रैंकिंग के साथ अनाहत सिंह बनीं भारत की टॉप महिला स्क्वैश खिलाड़ी
17 वर्षीय अनाहत मार्च 2025 में वर्ल्ड रैंकिंग में 68वां स्थान हासिल किया। इस अचीवमेंट के बाद अनाहत वर्ल्ड लेवल पर स्क्वैश में टॉप युवा प्रतिभाओं में से एक बन गई हैं। उनकी हालिया जीत ने भी उनकी ग्राफ को काफी बढ़ावा दिया है।
तीसरी वरीयता प्राप्त 17 वर्षीय अनाहत सिंह शीर्ष वरीयता प्राप्त आकांक्षा सालुंखे को रोमांचक मैच में हराया। अनाहत सिंह ने 3-1 से आकांक्षा को मात दी। इस जीत के साथ अनाहत ने 10वां PSA खिताब अपने नाम किया। इस जीत ने अनाथ को मजबूत खिलाड़ी के रूप में पेश किया।
मैच का स्कोर
• पहला गेम: अनाहत ने 11-6 से जीता
• दूसरा गेम: आकांक्षा ने 8-11 से जीता
• तीसरा गेम: अनाहत ने 11-8 से जीता
• चौथा गेम: अनाहत ने 11-5 से जीता
भारत की युवा टॉप महिला स्क्वैश खिलाड़ी
अनाहत सिंह की उम्र जितनी कम है, उसका जज्बा और खेल उससे कहीं गुना ज्यादा बड़े हैं। अब उनकी पहचान ग्लोबल लेवल पर बन चुकी है क्योंकि वर्ल्ड लेवल पर उनकी रैंकिंग 68 है। भारत की राजधानी दिल्ली से संबंध रखने वाली अनाहत का जन्म 2008 को दिल्ली में हुआ और पेशेवर स्क्वैश के रैंक में लगातार ऊपर चढ़ रही हैं।
17 वर्षीय अनाहत के माता वदेहरा सिंह इंटीरियर डिजाइनर और पिता गुरशरण सिंह एक वकील हैं। खिलाड़ी होने के गुण जन्म से ही अनाहत को मिले हैं क्योंकि उनके माता-पिता अपनी युवावस्था में हॉकी खिलाड़ी थे। अनाहत ने अपनी जर्नी ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु से प्रेरित होकर शुरू की। अनाहत ने आठ साल की उम्र में अपनी बहन के साथ टूर्नामेंट में भाग लेने और खेल से प्यार करने के बाद स्क्वैश शुरू कर दिया।
स्क्वैश करियर और उपलब्धियाँ
एशियाई गेम्स में अनाहत ने दो ब्रोंज मेडल जीते। उन्होंने मिक्सड डबल में अभय सिंह के साथ और महिला टीम में दो ब्रोंज मेडल भी जीते। एशियाई जूनियर चैंपियनशिप उनका प्रदर्शन प्रशंसा के लायक था। 11 साल की उम्र में, उन्होंने प्रतिष्ठित ब्रिटिश जूनियर ओपन में U11 का खिताब जीता, साथ ही यूरोपीय जूनियर ओपन, डच जूनियर ओपन और स्कॉटिश जूनियर ओपन में खिताब जीते। वह फाइनल में मिस्र की जयदा मारेई को हराकर यूएस जूनियर ओपन जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
2022 में अनाहत ने जर्मन जूनियर ओपन, डच जूनियर ओपन और U15 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में जीत दर्ज की। सिर्फ़ 14 साल की उम्र में, वह कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की एथलीट बन गईं।
2023 में उन्होंने U15 ब्रिटिश जूनियर ओपन और U17 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप खिताब हासिल जीता। नवंबर में, वह भारत की सबसे कम उम्र की राष्ट्रीय चैंपियन बनीं।
2024 में अनाहत के लिए यह साल शानदार रहा, उन्होंने 9 पीएसए टूर खिताब जीते।
2025 में मार्च तक, उन्होंने फाइनल में आकांक्षा सालुंखे को हराकर एसआरएफआई इंडियन टूर जीता और 68 की करियर-उच्च विश्व रैंकिंग पर पहुंच गईं।