Child Marriage: असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ शुरू किया अभियान

असम की मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाल विवाह के खिलाफ "युद्ध" "धर्मनिरपेक्ष" होगा और किसी एक समुदाय को लक्षित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "इस तरह की शादियों में मौलवियों और पुजारियों को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।" जानें अधिक इस न्यूज़ ब्लॉग में-

Vaishali Garg
03 Feb 2023
Child Marriage: असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ शुरू किया अभियान Child Marriage: असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ शुरू किया अभियान

Assam Government Launches Drive Against Child Marriage

Assam Government On Child Marriage: असम सरकार ने बाल विवाह रोकने के लिए कठोर कदम उठाए। आपको बता दें बाल विवाह पहले से ही देश में बैन है लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर बाल विवाह जैसी गतिविधि देखने को आ रही है आए दूसरे दिन। हाल ही में हैदराबाद एक घटना सामने आई थी जहां पर 17 वर्षीय लड़की का बाल विवाह कराया जा रहा था तब उस लड़की ने जगह की फोटो वीडियो पुलिस को भेजी थी।

बाल विवाह के बढ़ते मामलों को देखकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को घोषणा की कि पिछले नौ दिनों में राज्य में पंजीकृत बाल विवाह के खिलाफ 4,000 से अधिक मामलों में गिरफ्तारी शुरू होगी।

असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ शुरू किया अभियान (Assam Government Launches Drive Against Child Marriage)

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आज 3 फरवरी 2023 को कहा कि असम में बाल विवाह पर एक बड़े अभियान में अब तक 1,800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बाल विवाह निषेध अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वर्तमान में राज्यव्यापी गिरफ्तारी चल रही है। अब तक 1800+ की गिरफ्तारी हो चुकी है। मैंने @assampolice से महिलाओं पर होने वाले अक्षम्य और जघन्य अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की भावना के साथ काम करने को कहा है, ”सरमा ने ट्वीट किया।

असम कैबिनेट ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण या POCSO अधिनियम के तहत चार्ज करने का फैसला किया है, जबकि जिन पुरुषों ने 14-18 साल की उम्र की किशोर लड़कियों से शादी की है, उन पर निषेध के बाल विवाह अधिनियम 2006 तहत आरोप लगाया जाएगा।

बाल विवाह युद्ध धर्मनिरपेक्ष होगा

असम की मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाल विवाह के खिलाफ "युद्ध" "धर्मनिरपेक्ष" होगा और किसी एक समुदाय को लक्षित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "इस तरह की शादियों में मौलवियों और पुजारियों को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।"

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर की उच्च दर है, जिसका प्राथमिक कारण बाल विवाह है। "उच्च शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर का मुख्य कारण बाल विवाह है। राज्य में औसतन 31 प्रतिशत विवाह निषिद्ध आयु में होते हैं," श्री सरमा ने कहा। 

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