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Begusarai: बिहार में जीविका दीदी करेंगी बैंक सखी का काम

महिला प्रेरक | करिअर-कौशल | न्यूज़: बिहार में अब ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए बैंक का काम आसान हो जाएगा। जीविका दीदी को बैंक सखी बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है।

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Prabha Joshi
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बैंक सखी

बैंक सखी (फाइल फोटो)

Bihar Jivika Didi As Bank Sakhi: बिहार के बेगूसराय से एक खबर सामने आ रही है जिसमें जीविका दीदियों को बैकिंग से जुड़ी ट्रेनिंग दी जा रही है। बेगूसराय में जीविका दीदी बैंक सखी के रूप में कार्य करेंगी। बिहार में रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग के जरिए ये सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अब बिहार के ग्रामीण इलाकों में बैंको से जुड़े काम आसान हो जाएंगे।

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अक्सर हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता कि वो बैंक जाए, खासतौर से बुजुर्ग और डिजिटल सेवाओं से दूर लोगों के लिए। जब बात ग्रामीण इलाके की आ जाती है तो स्थिति और ही गंभीर हो जाती है। ग्रामीण इलाकों में बैंको तक पहुंच थोड़ा बड़ा मामला होता है। ऐसे में बैंक सखी लोगों के लिए बहुत  ही मददगार साबित होती हैं। 

क्या है बैंक सखी योजना

बैंक सखी बिहार में चल रही कोई पहली योजना नहीं है। भारत के बहुत से राज्यों में इससे पहले से ही बैंक सखी योजना चल रही है। बैंक सखी से जुड़ी योजना में स्वयं सहायता समूह से जुड़े लोग बैंक से जुड़ी सेवाओं को गांव या सुदूर इलाकों तक पहुंचाने में मदद करते हैं। इसके लिए उनको वेतन दिया जाता है। बैंक सखी योजना राज्यों की सरकारें चलाती हैं।

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बिहार में क्या है मामला 

बिहार के बेगूसराय में बैंक सखी से जुड़ी ट्रेनिंग शुरू हो गई है। खबर की मानें तो अब ग्रामीण इलाकों के बुजुर्गों को और अन्य लोगों को बैंक से जुड़ी सेवाएं ये बैंक सखी मुहैया कराएंगी। बिहार में बैंक सखी योजना के लिए जीविका दीदियों को चुना गया है। उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

वन जीपी-व बीसी के माध्यम से गांव से जुड़ी जीविका दीदियों को बैंक सखी के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में चार जिले की जीविका दीदी शामिल हो रही हैं। बैंकिंग प्रशिक्षण के बाद इन महिलाओं को एग्जाम देना होगा। इसके बाद मिले सर्टिफिकेट के आधार पर उन्हें बैंक की ओर से सीएसपी उपलब्ध कराया जाएगा। —सौरव कुमार, ट्रेनर

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इसके साथ ही बेगूसराय यूको आरसेटी के निदेशक सुजीत रजक के अनुसार बैंक सखी बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मेट्रिक है। बैंक सखी के लिए सबसे पहले कैंडिडेट को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग फाइनेंस से जुड़ी परीक्षा पास करनी होगी। बैकिंग सखी को नौकरी के दौरान इंसेंटिव भी दिया जाएगा। 

बैंक सखी की ट्रेनिंग ले रही महिलाओं की मानें तो उनके लिए इस तरह का कार्य सराहनीय है। महिलाओं की मानें तो एक बार बैंक सखी बन जाने के बाद वो अपने गांव को बैंक से जुड़ी सेवाओं से जोड़ेंगी। इस तरह बैंक से जुड़ी ये योजना बहुत ही सराहनीय है। इससे न केवल राज्य के लोगों को फायदा पहुंचेगा बल्कि ये राज्य और देश के लिए मिसाल भी बनेगी। 

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