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Bilkis Bano Challenges in SC
बिलकिस बानो गुजरात दंगो की गैंगरेप पीड़ित हैं। इस केस के 11 दोषियों को बिलक़िस के साथ रेप और उसके परिवार के सदस्यों के क़त्ल में उम्र क़ैद की सजा मिली थी जिन्हें आज़ादी के अमृत महोत्सव तहत रिहा कर दिया था। अब 2002 गैंगरेप केस के दोषियों की रिहाई के ख़िलाफ़ बिलक़िस सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई हैं। उनके वकील ने लिस्टिंग के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे की जांच करेंगे।
Bilkis Bano Challenges In SC: दोषियों को फिर से जेल भेजने कि मांग
बिलकिस ने दोषियों के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दर्ज की है। पहली याचिका 11 दोषियों कि रिहाई के खिलाफ हैं जिनमें उन्हें वापिस जेल भेजने को कहा हैं। इसके साथ ही दूसरी याचिका मई के आदेश के ऊपर है। इस आदेश पर दुबारा विचार करने कि मांग राखी गई हैं। बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में कहा है कि दोषियों की सजा पर गुजरात सरकार को नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार को फैसला करना चाहिए था गुजरात सरकार ने 1992 की छूट नीति के तहत सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया।
राज्य सरकार ने कहा कि उसने 1992 की नीति के अनुसार सभी 11 दोषियों के मामलों पर विचार किया है और 10 अगस्त, 2022 को छूट दी गई थी। गुजरात सरकार अगर पुरानी नीति के बजाय 2014 की छूट नीति पर चलती तो दोषियों को रिहा करना संभव नहीं होता। इसके साथ ही 2014 की छूट नीति के अनुसार बलात्कार और हत्या के दोषियों की रिहाई पर रोक लगती है।
क्या था यह मामला
3 मार्च 2002 की बात है जब गुजरात में दंगे भड़क गए जिस दौरान भीड़ का कुछ हिस्सा बिलक़िस के घर में घुसा। इस समय बिलक़िस की उम्र 21 साल थी और वे 5 महीने की गर्भवती भी थी लेकिन दोषियों ने बिलक़िस, उनकी माँ और तीन और महिलाएँ उनको हवस का शिकार हुई।बिलक़िस का गैंगरेप किया गया और बाक़ी महिलाओं का रेप किया गया। इसके साथ ही उसके परिवार की हत्या कर दी गई। इस केस के दोषियों को 2004 को गिरफ़्तार किया गया था। इसके चार साल बाद 2008 में दोषियों को सजा दी गई।