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BJP Announces ₹2500 Monthly Aid for Women: दिल्ली विधानसभा चुनाव में महिला वोटर को टारगेट किया जा रहा है। हर पार्टी की तरफ से महिलाओं को हर महीने एक तय राशि देने का वादा किया जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस की तरफ से भी महिलाओं को हर महीने तय राशि देने का वादा किया गया। अब भाजपा भी इसमें पीछे नहीं रहीं। उन्होंने भी हर महिला को ₹2500 देने का वादा किया। भाजपा के अनुसार उन्होंने महिलाओं को तय राशि देने का वादा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में पूरा किया है। अब वह दिल्ली में भी पीछे नहीं हटेंगे।
दिल्ली में महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने की गारंटी के ऐलान के बाद पूरी दिल्ली की महिलाओं में ख़ुशी की लहर..
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) January 18, 2025
क्योंकि, भाजपा जो कहती है वो करती है
मध्य-प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में दिया अब दिल्ली की बारी है !#हर_महिला_को_2500
कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने महिलाओं के लिए किया ₹2500 का ऐलान
भाजपा की तरफ से अपने मेनिफेस्टो में महिलाओं को ₹2500 देने का वादा किया है। पार्टी के माने तो उनका यह कदम महिला सशक्तिकरण में एक अहम कदम होगा। पार्टी का कहना है कि हमने दूसरे राज्य में भी महिलाओं के लिए किए हुए वादों को पूरा किया और दिल्ली में भी पूरा करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने AAP पर निशाना साधते हुए यह भी कहा है कि पंजाब में महिलाओं को हर महीने ₹1000 रुपए देने का वादा किया था लेकिन उनकी तरफ से पूरा नहीं किया गया है। हमारी सरकार जो वादा करती है, उसे इसे पूरा करती है।
दिल्ली के लिए कांग्रेस की गारंटी 📢
— Congress (@INCIndia) January 6, 2025
महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपए#PyaariDidi_Ko_Milenge_2500 pic.twitter.com/eUKsqQkoo3
Pregnant महिलाओं को ₹21,000 और 6 पोषण किट देने के ऐलान
दिल्ली के लोगों के लिए भाजपा का संकल्प...
— BJP (@BJP4India) January 17, 2025
हर गर्भवती महिला को मिलेगी ₹21,000 की आर्थिक मदद और 6 पोषण किट।#BJPKeSankalp pic.twitter.com/ABrGXhFMBW
Netizens ने कैसे किया रिएक्ट
एक User ने कहा, "Income Tax देते समय Taxpayers को यह चुनने का अधिकार होना चाहिए कि उनका पैसा किस क्षेत्र में खर्च किया जाए - बुनियादी ढांचा, शिक्षा, सामाजिक योजनाएं आदि"।
While filing income tax, taxpayers should be able to choose which sector their money goes to — infra, education, social schemes, etc.
— Anuradha Tiwari (@talk2anuradha) January 17, 2025
Not a single rupee of mine will fund freebies.
Taxpayers have been silent for far too long. Time to fight back!pic.twitter.com/JKXxXqXeQg
अन्य यूजर ने लिखा कि मिडल-क्लास के टेक्स का पैसा एजुकेशन और हेल्थ केयर में इन्वेस्ट नहीं किया जा रहा।
Taxes collected from middle class aren't invested in Education or Healthcare.
— Ayushi (@traderayushi) January 17, 2025
Funds belonging to the salaried class are instead handed off as freebies.
This is the reality of India's growth story. pic.twitter.com/kSbCMPFx9c
एक User ने कहा, "Taxpayers के लिए यह कितनी दुखद स्थिति है"!
🚨 Cash Freebies Promised in Delhi Elections
— Ravisutanjani (@Ravisutanjani) January 17, 2025
• AAP : ₹2100 Per Month
• BJP : ₹2500 Per Month
• Congress : ₹2500 Per Month
Women in Delhi Can Get ₹30,000 Free Every Year If Any of These Parties Win Elections
What a Sad State of Affairs For Taxpayers
एक User ने कहा, 'भारत की कहानी और हमारी प्रगति के लिए सबसे बड़ा खतरा यह Freebies Culture है'।
Biggest risk to India story and our progress is this freebie culture. Every party is competing in a race to bottom.
— Gurmeet Chadha (@connectgurmeet) January 18, 2025
Give education, give food but don’t encourage people not to work by giving cash.
Once u destroy moral fabric and DNA, it’s irreversible !!
SC shud take Suo Moto…
Freebie Politics राजनीति वारयस की तरह फैल रही।
Freebie Politics is spreading like a virus, not good for the country.
— Abhishek (@vicharabhio) January 17, 2025
pic.twitter.com/6z74nnuyOF
राजनीति में मुफ्तखोरी का कलचर बहुत ज्यादा बढ़ रहा है और अब लोग इसके खिलाफ आवाज भी उठाने लग गए हैं। ऐसे कलचर से बाकी जरूरी मुद्दों के ऊपर ध्यान हट जाता है और सिर्फ कुछ तह राशि के जरिए वोटर का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया जाता है। हर पार्टी की तरफ से यह कलचर अपनाया जा रहा है। अगर हम महिलाओं की बात करें तो उनके लिए सबसे जरूरी एजुकेशन और स्किल है। अगर महिलाएं के पास एजुकेशन और स्किल दोनों ही होंगे तो इससे वह हर महीने 2500 या जो भी राशि किसी भी पार्टी से दी रही है, उससे ज्यादा कमा सकती हैं। महिलाओं की काबिलियत इतनी कम नहीं है। हाउसवाइफ को भी आर्थिक रूप से आजाद करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। सरकार को यह निश्चित करना चाहिए कि महिला पैसे के लिए न सिर्फ अपने परिवार बल्कि सरकार के ऊपर भी निर्भर ना हो।