केरल के एक छोटे से शहर परांबूर की सल्वा मारजान ने बचपन से ही स्पीड और कारों के प्रति एक खास लगाव महसूस किया था। यही शौक धीरे-धीरे उनके जुनून में बदल गया। आज 25 साल की उम्र में वो केरल की पहली महिला फॉर्मूला वन रेसर बनने की कगार पर हैं। साल 2025 में फेडरेशन इंटरनेशनल डी ल ऑटोमोबाइल (FIA) द्वारा आयोजित फॉर्मूला वन अकादमी में हिस्सा लेने वाली हैं।
केरल की सल्वा मारजान बनेंगी पहली महिला F1 रेसर
फॉर्मूला LGB से F4 तक का सफर
सल्वा का रेसिंग करियर भारत में फॉर्मूला LGB से शुरू हुआ। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें 2023 में F4 इंडियन चैंपियनशिप में जगह मिली। उसी साल उन्होंने F4 UAE चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया। बेहतर प्रशिक्षण के लिए सल्वा अब यूएई में हैं और F1 अकादमी की तैयारी में जुटी हैं।
चुनौतियों से भरा सफर
फॉर्मूला रेसिंग में आने के लिए सल्वा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पैसे की कमी ने उनके सपने को कई सालों तक रोक कर रखा। उन्होंने कई नौकरियां कीं और अपना खुद का बिज़नेस भी शुरू किया। परिवार ने उनका पूरा साथ दिया, लेकिन समाज के कई लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि लड़कियों को ऐसा काम नहीं करना चाहिए। लेकिन सल्वा के माता-पिता ने उनका हौसला बढ़ाया।
फॉर्मूला रेसिंग में महिलाओं के लिए शारीरिक चुनौतियां भी बहुत हैं। कार के अंदर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। ब्रेक दबाने के लिए 60 से 100 किलो तक दबाव डालना पड़ता है। इसके बावजूद सल्वा ने हार नहीं मानी।
F1 अकादमी और आगे का सफर
आज सल्वा नेक्स्ट लेवल रेसिंग की ब्रांड एंबेसडर हैं। F1 अकादमी से क्वालीफाई करने के बाद उनका अगला लक्ष्य फॉर्मूला वन में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। सल्वा की कहानी उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।