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सरकार का 12th बोर्ड को लेकर फाइनल फैसला क्या है ?
सभी जगह इसको लेकर विरोध किया जा रहा है। एक बच्चे ने तो ट्विटर पर गुस्से में ये तक कह दिया कि हमारा एग्जाम एग्जाम सेंटर की जगह शमशानघाट में ही लिखवा लेना। सरकार का कहना है कि जून में एक बार हालत देखकर इस बारे में सोचा जायेगा। सीबीएसई ने 12वीं कक्षा का 15 जुलाई से 26 जुलाई तक एग्जाम लेने की अपेक्षा जाहिर की है। बारहवीं की एग्जाम लेने पर रविवार की हुई मीटिंग में कोई फैसला नहीं हो पाया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 25 मई तक प्रस्ताव मांगने की बात कही है। वही एग्जाम कराने का अंतिम फैसला 1 जून को होगा। जिसके बाद एग्जाम ऑफलाइन मोड के माध्यम से हो सकती है और रिजल्ट सितंबर तक आने की उम्मीद है।
किस तरीके से होंगे 12th एग्जाम ?
इस बार 12वीं का एग्जाम सामान्य प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं होगा। सीबीएसई सिर्फ कुछ मुख्य विषय का एग्जाम लेने का विचार कर रहा है। इसके अलावा हर बार की तरह एग्जाम 3 घंटे का नहीं बल्कि से 1.5 घंटे का हो हो सकता है। जानकारी के मुताबिक मीटिंग का फैसला करने के लिए हाय लेवल कमिटी बनाई गई है।
दिल्ली सरकार का 12th बोर्ड को लेकर क्या कहना है ?
12वीं एग्जाम लेने के बाद दिल्ली सरकार और महाराष्ट्र इसके विरुद्ध है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री का कहना है बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर एग्जाम करवाने का फैसला गलत है। उन्होंने यह भी मांग की कि 12वीं एग्जाम से पहले सभी बच्चों को वैक्सीन दिया जाए।
दूसरी ओर महाराष्ट्र स्टेट स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि बच्चों और उनके परिवार का स्वास्थ्य ज्यादा जरूरी है। वही बच्चों ने बारहवीं की एग्जाम लेने के बाद पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इसका विरोध किया है।