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सीजीआई को भावुक कर देने वाली चिट्ठी लिखी थी। जिसमें बच्ची ने कोविड-19 महामारी से निपटने के भूमिका के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की थी। जिसके बाद सीबीआई ने भी उस लेटर का जवाब भेजकर बच्ची के भविष्य के लिए कामना की है।
इस छोटी बच्ची का नाम लिडविना जोसेफ है। यह त्रिशूर में केंद्रीय विद्यालय की कक्षा 5 की छात्रा है। इस छोटी बच्ची ने सीजीआई को 20 मई को चिट्ठी भेजी थी।
उस चिट्ठी में 10 साल की बच्ची ने अपनी महामारी को लेकर चिंता जाहिर की थी। साथ ही कोर्ट के द्वारा कोविड-19 की मृत्यु दर को कम करने के लिए उठाए गए कारगर कदम के लिए खुशी और गर्व महसूस किया है।
उस बच्ची ने कहां की" मुझे अखबार के द्वारा पता चला कि माननीय न्यायालय ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रभावी कदम लिए है। मुझे खुशी और गर्व महसूस होता है कि कोर्ट ने ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए कदम उठाया है और कई लोगों की जान बचाई है। कोर्ट ने मृत्यु दर को कम करने के लिए कदम उठाए हैं खासतौर पर दिल्ली के लिए। इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करती हूं।
इस बच्ची ने पत्र के साथ एक फोटो भी अटैच किया था। जिसमें न्यायाधीश कोरोनावायरस पर तिरंगे वाले हथौड़े से प्रहार करते हुए दिखाया गया है, साथ ही बैकग्राउंड में महात्मा गांधी की चित्र भी है।
मुख्य न्यायाधीश ने उस छोटी बच्ची को जवाब के साथ शुभकामनाएं भी दी। इसके अलावा उस लड़की की महामारी से जुड़े समाचार और देश मैं हो रहे घटनाओं पर नजर रखने के लिए लिए प्रशंसा भी की और उसे संविधान की एक हस्ताक्षरित प्रति भी भेजी है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि " मुझेे आपका पत्र मिला है और दिल को भावुक कर देने वाला भी मिला है। आपने जिस तरह देश में हो रहे हैं घटनाओं पर नजर रखी है और लोगों की भलाई के लिए चिंतित हैं, मैं उससे प्रभावित हो गया हूं"। साथ ही उसकी भविष्य के लिए कामना करते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि आप बड़ी होकर एक जिम्मेदार नागरिक बनेंगी।
कौन है यह बच्ची ?
इस छोटी बच्ची का नाम लिडविना जोसेफ है। यह त्रिशूर में केंद्रीय विद्यालय की कक्षा 5 की छात्रा है। इस छोटी बच्ची ने सीजीआई को 20 मई को चिट्ठी भेजी थी।
उस चिट्ठी में 10 साल की बच्ची ने अपनी महामारी को लेकर चिंता जाहिर की थी। साथ ही कोर्ट के द्वारा कोविड-19 की मृत्यु दर को कम करने के लिए उठाए गए कारगर कदम के लिए खुशी और गर्व महसूस किया है।
लिडविना ने पत्र में यह लिखा था
उस बच्ची ने कहां की" मुझे अखबार के द्वारा पता चला कि माननीय न्यायालय ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रभावी कदम लिए है। मुझे खुशी और गर्व महसूस होता है कि कोर्ट ने ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए कदम उठाया है और कई लोगों की जान बचाई है। कोर्ट ने मृत्यु दर को कम करने के लिए कदम उठाए हैं खासतौर पर दिल्ली के लिए। इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करती हूं।
इस बच्ची ने पत्र के साथ एक फोटो भी अटैच किया था। जिसमें न्यायाधीश कोरोनावायरस पर तिरंगे वाले हथौड़े से प्रहार करते हुए दिखाया गया है, साथ ही बैकग्राउंड में महात्मा गांधी की चित्र भी है।
जवाब में सीजीआई ने कहा यह
मुख्य न्यायाधीश ने उस छोटी बच्ची को जवाब के साथ शुभकामनाएं भी दी। इसके अलावा उस लड़की की महामारी से जुड़े समाचार और देश मैं हो रहे घटनाओं पर नजर रखने के लिए लिए प्रशंसा भी की और उसे संविधान की एक हस्ताक्षरित प्रति भी भेजी है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि " मुझेे आपका पत्र मिला है और दिल को भावुक कर देने वाला भी मिला है। आपने जिस तरह देश में हो रहे हैं घटनाओं पर नजर रखी है और लोगों की भलाई के लिए चिंतित हैं, मैं उससे प्रभावित हो गया हूं"। साथ ही उसकी भविष्य के लिए कामना करते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि आप बड़ी होकर एक जिम्मेदार नागरिक बनेंगी।