कॉफ़ी आज के समय में सब की कॉमन पसंद है। यह हर जगह आपको मिल जाती है। लोग इसे हर मौक़े पर पीना पसंद करते है चाहे आपका मूड थोड़ा ओफ़ हो तो आप इसे ठीक करने के लिए कॉफ़ी पी लेते है। आपकी अगर बॉडी में थोड़ी कमजोरी लगती है तब भी आप एक कप कॉफ़ी बनाकर पीना पसंद करेंगे। आजकल औरतों में एक कॉमन डिसॉर्डर पाया जाने लगा है जिसे हम पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम बोलते है। अगर आप कॉफ़ी का ज़्यादा सेवन करते है इससे आपको को समस्या आ सकती है। यह एक होर्मोनल डिसॉर्डर होता है।
कॉफ़ी का अधिक सेवन करने से PCOS हो सकता है?
कॉफ़ी सबसे अधिक पसंद और सेवन किए जाने वाला पेय पधार्थ है। इसमें कैफ़ीन की मात्रा होती है जो इंसुलिन संवेदनशीलता को कम करती है और ग्लूकोस के स्तर को बढ़ाती है। यह स्थिति पीसीओएस के लिए सही नहीं है। इसके अलावा हॉर्मोन लेवल चेंज होने लगते हैं, जिसके कारण ओवेरियन फंक्शन और रिप्रोडक्टिव मेटाबोलिज्म पर बहुत बुरी तरह प्रभाव पड़ता है।
पीरियड में परेशानी आ सकती है
कॉफ़ी ज़्यादा पीने से एक तो आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है जिसे हम डिहाइड्रेशन कहते है। इससे आपको सिर दर्द की समस्या भी आ सकती है। इसके अलावा आपके होर्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। इसे रक्त वाहिकाओं को सिकुड़ने देता है जिससे आपका स्ट्रेस बड़ता। पीरियड के दौरान कॉफ़ी पीने से परहेज़ करें।
गर्भावस्था में भी नहीं पीनी चाहिए
कॉफ़ी में कैफीन मौजूद होता है जिसके कारण प्रेगनेंसी में दिक़्क़त आ सकती है। इससे मिस्कैरिज का ख़तरा भी बढ़ जाता है। इससे बच्चे की ग्रोथ पर भी बुरा असर पड़ता है। सिर्फ़ 1-2 कप ही कॉफ़ी का सेवन करें इससे अधिक ना करें।
अगर सीमित मात्रा में सेवन किया जाए तो कॉफी आपको फायदा दे सकती है जैसे वजन घटाने में योगदान कर सकती है। यदि इसका लालच करते है २-३ घंटे के बाद कॉफ़ी का सेवन करते है यह आपके लिए सही नहीं है। आप कॉफी के सेवन को ग्रीन टी से बदलने की कोशिश करें जिसमें एक कप कॉफी के दसवें हिस्से में कैफीन होता है। इसके अलावा, यह क्षारीय है जो कॉफी जैसे मूल्यवान पोषक तत्वों को शुद्ध नहीं करता है।