New Update
जब भी किसी भी बीमारी के लिए वैक्सीन बनायीं जाती है तो उस बीमारी को करने वाले एजेंट को मिलाकर यानि इस्तेमाल कर के बनायीं जाती है। Corbevax Vaccine में भी कोविद का "स्पाइक प्रोटीन" वायरस इस्तेमाल किया गया है जो वायरस के ऊपर के सरफेस पर पाया जाता है।
Corbevax वैक्सीन वर्क कैसे करेगी ?
रिपोर्ट बताती है, स्पाइक प्रोटीन वायरस को किसी व्यक्ति के शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने की अनुमति देता है ताकि शरीर के अंदर दोहराने में मदद मिल सके और बीमारी का कारण बन सके। लेकिन अगर अकेले प्रोटीन को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, तो यह हानिकारक नहीं है क्योंकि बाकी वायरस स्वयं अनुपस्थित हैं। यह शरीर को विदेशी सामग्री (वायरस) की पहचान करने और उसके खिलाफ एंटीबॉडी विकसित करने देता है। इसलिए, जब असली वायरस शरीर में प्रवेश करता है, तो वायरस के खिलाफ पहले से मौजूद प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया व्यक्ति के बीमार पड़ने की संभावना को कम कर देगी।
क्या Corbevax वैक्सीन भारत में बनायीं गयी सबसे सस्ती वैक्सीन है ?
Corbevax को भारत में COVID-19 के लिए उपलब्ध सबसे सस्ता वैक्सीन कहा जाता है, जो वैक्सीन की दोनों खुराक के लिए लगभग 500 रुपये में उपलब्ध है। द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, दोनों डोज की कीमत 400 रुपये से भी कम हो सकती है। वैक्सीन की अंतिम कीमत अभी तय नहीं हुई है।
बायोलॉजिकल ई के अनुसार, कॉर्बेवैक्स के अधिकांश तत्व सस्ते और आसानी से मिल जाने वाले होते हैं, जो इसे जारी होने के बाद संभवतः COVID-19 के सबसे सस्ते टीकों में से एक बनाते हैं। ये वैक्सीन इंडिया में गेम चेंजर भी हो सकती है और काफी प्रभावकारी साबित हो सकती है।