COVID-19 Booster Vaccine: लगभग दो साल से सिर्फ भारत ही नहीं पूरा देश इस कोरोना नाम की महामारी से लड़ रहा है। इस वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, वैक्सीन जैसे सभी तरीके अपनाये जा रहे है। वही इससे बचने के उपाय में एक और तरीक जुड़ गया है। ऑस्ट्रेलिया की रोलआउट वैक्सीन काफी तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर न्यू साउथ वेल्स एंड विक्टोरिया में।
कोविड वैक्सीन की 2 डोज लेना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे बीमारियों और संक्रमण की गंभीरता कम हो जाएगी और जितने ज्यादा लोग वैक्सीन लगवायेंगे उतना ही ये देश के लिए भी लाभदायी साबित होगा। कोविड-19 की वैक्सीन (Pfizer, Moderna and Astra Zeneca) डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती और मृत्यु के जोखिम को कम करने में काफी प्रभावी है।
पहले वैक्सीन के रोलआउट के बाद शुरू होगा बूस्टर डोज का रोलआउट। वैक्सीन लगवाना सभी के लिए बेहद ही जरूरी।
COVID-19 Booster Vaccine: वैक्सीन बूस्टर शॉट कब लेना चाहिए?
सबसे पहले हम आपको बताएंगे बूस्टर शॉट (Booster Shot) और थर्ड (3rd) डोज का अंतर। जिन लोगो का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उनको थर्ड डोज लग सकती है। लेकिन बूस्टर शॉट पहली 2 डोज के काफी बाद दिया जाता है। बूस्टर शॉट 6 महीने, 8 महीने कभी भी व्यक्ति को लग सकता है।
Pzifer ने हाल ही में ये घोषणा की है कि बूस्टर शॉट वायरस और डेल्टा वायरस से लड़ने में काफी सक्षम है। लेकिन इस परिणाम अभी पब्लिश नहीं हुआ है और बूस्टर शॉट के क्या परेज है ये भी नहीं पता चले। लेकिन कहा जा रहा है कि शायद बूस्टर डोज सिर्फ कुछ लोगो के लिए ही हो जैसे कि बुजुर्गो के लिए।
विभिन्न बूस्टर वैक्सिन का परीक्षण भी चल रहा है। लेकिन सबसे पहले हमे ज्यादा से ज्यादा लोगो को 2 वैक्सीन डोज लगानी है। अगर अपने दोनो डोज भी लगवाई हुई है तो आपको बीमारी और संक्रमण की गंभीरता से बचाव होगा।