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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत में कोविड -19 वैक्सिनेशन अभियान का शुभारंभ किया, जो कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सिनेशन ड्राइव है। एक वर्चुअल एड्रेस में PM मोदी ने उन वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को ट्रिब्यूट दी, जो महामारी के दौरान फ्रंटलाइन पर रह कर देश की सेवा करते रहे।
PM ने कहा, "परेशानी और निराशा के माहौल के बीच, कुछ व्यक्ति हमें बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर आशा को बाँट रहे थे।" उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे सेफ्टी प्रोटोकॉल शामिल फॉलो होते रहने चाहिए।
भारत पहले चरण में तीन करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को शॉट्स प्रदान करेगा। देश भर में 3006 सेशन साइट्स हैं, जिसमें प्रत्येक 100 लाभार्थियों (beneficiaries) को भारत के दो स्वदेशी वैक्सीन्स, कोवैक्सिन या कोविशिल्ड में से एक दिया जाएगा। हर लाभ पाने वाले व्यक्ति को 28 दिनों के अंदर एक ही वैक्सीन के दो डोज़ लेने होंगे।
भारत अपने यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के अनुभवों और चुनावों के दौरान बूथ स्ट्रैटेजी की मदद से बड़े पैमाने पर वैक्सिनेशन अभियान चला पा रहा है। इस अभ्यास के ऑपरेशनल कॉस्ट के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 480 करोड़ रुपयों का भुगतान किया है। आधार और को- विन प्लेटफॉर्म का उपयोग लाभ पाने वालों की पहचान और निगरानी के लिए किया जाएगा। अगर सब प्लान के मुताबिक जाता है तो जुलाई अंत तक 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने वैक्सीन रोलआउट और को-विन सॉफ्टवेयर से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए एक 24X7 हेल्पलाइन नंबर - 1075 बनाया है।
2020 की शुरुआत में महामारी के कारण भारत में एक करोड़ 5.27 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से संक्रमित हो गए हैं, जबकि 1.52 लाख के करीब लोग कोरोना से मारे गए हैं। आज के समय में, केरल और महाराष्ट्र डेली केसेस की सबसे ज़्यादा संख्या रिपोर्ट रहे हैं।
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