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COVID-19 Vaccine Trials: कोविड-19 की वैक्सीन, डेथ और गंभीर बीमारी को रोकने में है सक्षम

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Swati Bundela
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COVID-19 Vaccine Trials: दुनिया भर के वैज्ञानिक परीक्षणों के आधार पर, विशेषज्ञों का कहना है कि COVID-19 वैक्सीन के ट्रायल्स और रिजल्ट आने के बाद ये साबित हुआ है कि, वैक्सीन अस्पताल में भर्ती होने और डेथ को रोकने में 90% से ज्यादा बेहतर साबित हुआ है। इस ट्रायल में कम प्रभाव वाली सुई भी शामिल कि गयी, जिसका रिजल्ट भी कामचलाऊं ही रहा। बहरहाल, साईंटिस्टों ने बताया कि वैक्सीन को एक नियंत्रित सेटिंग में लेने से गंभीर और ज्यादा लम्बे समय से चल रही बीमारी से राहत मिलती है। 

COVID-19 Vaccine Trials: यूके ने जल्द ही सबको डबल डोज़ लेने की हिदायत दी 

यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने अपने ट्विटर अकाउंट से सभी लोगों से जल्द से जल्द डबल डोज़ लेने के लिए अपील किया। उन्होंने लिखा कि, #COVID19 से अधिकतम सुरक्षा प्राप्त करने के लिए अपने #वैक्सीन की दोनों खुराक प्राप्त करना वास्तव में इम्पोर्टेन्ट है। डेल्टा वैरिएंट से बचाव के लिए यूके गवर्नमेंट ने एस्ट्राजेनेका या Pफाइजर वैक्सीन को हेल्पफुल बताया।

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https://twitter.com/UKHSA/status/1417854447909318661?s=20

दुनिया भर में वैक्सीन के ट्रायल्स होने के बाद, ये बात सामने आई कि वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाने वाले लोग अन्य लोगों के मुकाबले में कोरोना वायरस से लड़ने में ज्यादा सक्षम हो जाते हैं, साथ ही उनकी डेथ और लम्बी बिमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।

अमेरिका में बढ़ रहा डेल्टा वैरिएंट का खतरा

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CDC की रिपोर्ट्स के अनुसार, नये डाटा में पाया गया है कि अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट बहुत तेज़ी से फ़ैल रहा है। ऐसे में, एक वैक्सीन लगवाने वालों को भी संक्रमण होने के पुरे चांस हो सकते हैं। लेकिन अगर दोनों डोज़ को सही तरीके से लगवाया जाये तो, वक्सीनेटेड लोगों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। 

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर बीमारी को रोकने में COVID-19 के टीके बेहद प्रभावी हैं, जिससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की दर, दोनों कम होती है। अध्ययनों और स्टडी से पता चलता है कि सभी COVID-19 के वैक्सीन, जिनको अप्रूव किया गया है, वो तेज़ी से फैलने वाले डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ बहुत प्रभावी है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने पब्लिक इनडोर स्थानों में, वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क और बाकि सभी सेफ्टी का ध्यान रखने की सलाह दी है। खास करके उन जगहों पर, जहाँ ट्रांसमिशन के चान्सेस सबसे हाई हैं, वहाँ के लिए खुद को सतर्क रखना ज्यादा जरुरी है। 



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