क्या हो रहा है दिल्ली के एयर को? क्या कर रही है सरकार?
दिल्ली में कई जगहों पर AQI 400 से भी ज्यादा हो गया है। जब AQI 300 तक पहुंच जाता है, तो पांच साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और किसी भी तरह के कैंसर, अस्थमा, हार्ट रोग और अन्य से पीड़ित लोगों को बाहर न जाने की और कोई भारी सामान न उठाने का निर्देश दिया गया है । और जब AQI 400 पार होता है, तो हममें से कोई भी, यहां तक कि सबसे हेल्दी व्यक्ति को भी बाहर नहीं जाना चाहिए।
हवा में प्रदुषण की वजह से कई बच्चे अस्थमा के शिकार हो रहे हैं। जन्म के समय कम वजन और समय से पहले जन्म, अल्जाइमर रोग की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। दिल्ली की हवा में नाइट्रेट, सल्फेट, ब्लैक कार्बन, एल्युमीनियम जैसी विषैली केमिकल्स शामिल हैं जो अस्थमा को बिगाड़ सकता है, सांस लेने में मुश्किल होजाती है, और प्रेगनेंसी समस्याएं, सिरदर्द जैसी कही सारी प्रोब्लेम्स से लोग परेशान है। एयर क्वालिटी अगर इसी तरह बिगाड़ती जाएगी तो हर बच्चा अस्थमा लेकर ही पैदा होगा।
एक्सपर्ट्स हवा में प्रदुषण का प्रेगनेंसी हेल्थ पर होरहे डायरेक्ट असर को नहीं जान पाए है। पर दिल्ली में ओपीडी पेशेंट्स की संख्या और हर तीसरे व्यक्ति में इम्युनिटी की कमी, कोल्ड,खासी, आँखों का जलना देखने पे यह तो जाहिर है की गन्दी हवा में सांस लेना हेल्थ पे गंभीर प्रभाव पढ़ सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को दिल्ली के बहार जाना चाहिए यह बोलना गलत नहीं होगा क्यों की दिल्ली में रेहनेसे न केवल उनके लिए बल्कि होने वाले बच्चे लिए भी हानिकारक है।
दिल्ली में स्कूल ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं
एयर क्वालिटी ख़राब होने की वजह कई सारे स्कूल को बंद किया गया है। पर यह लॉन्ग- टर्म हल नहीं है। दिल्ली में राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर इस भयानक समस्या को जड़ से हटाने की लिए कदम उठाने होंगे।हवा में प्रदुषण से न केवल दिल्ली बल्कि दिल्ली के आस पास की कई जगह के लोग इफ़ेक्ट होते है। एक अध्ययन में पता चला है की हर साल इसकी वजह से 2 मिलियन से ज्यादा लोग मर जाते है। यह भारत में पांचवां सबसे बड़ा हत्यारा है।